
सूत्रों का कहना है कि पदोन्न्ति में आरक्षण नियम को बहाल कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही सरकार को ये चिंता भी सता रही है कि यदि हाईकोर्ट का निर्णय ही लागू रहा तो नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी। इसको लेकर वन मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, पर इसने नियम बनाने की ठोस पहल नहीं की है।
महाधिवक्ता कार्यालय से भी नए नियमों को लेकर मार्गदर्शन मांगा गया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। सुप्रीम कोर्ट में अब लगातार सुनवाई होने की संभावना को देखते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति के अधिकारियों ने सामान्य प्रशासन विभाग से नए नियम बनाने की गतिविधि तेज करने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि इसे देखते हुए सरकार ने विभाग को अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन करके रिपोर्ट देने के लिए कहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पदोन्न्ति में आरक्षण नियम के पक्ष में अन्य राज्यों के नियम भी प्रस्तुत किए गए हैं।
इन नियमों का अध्ययन भी कराया जा रहा है ताकि नए नियम बनाने की नौबत आए, तो विलंब न हो। सूत्रों का कहना है कि आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपेगा। इसके बाद डॉ.शेजवार की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक बुलाई जाएगी।