
पत्र में यह भी अवगत कराया गया है कि मंडी द्वारा जारी किये गये भोजन कूपन के लिये पूर्ण मात्रा में भोजन कूपन मुद्रण नही कराया गया बिना समूचित मात्रा के भोजन कूपन के मुद्रण के कृषक भोजनालय द्वारा जारी किये गये कूपन की संख्या में अनियमितता परिलक्षित हो रही है जिससे कम मात्रा में भोजन कूपन मुद्रण कराया जाकर अधिक मात्रा में भोजन पर्ची जारी करने के संबंध में की गई शिकायत सत्य पाई गई।
यह उल्लेख किया गया है कि दिनांक 16/11/2009 से 27/2/2011 की अवधि में मडी द्वारा भोजनालय को भुगतान की गई राशि 16 लाख 93 हजार 146 में से केवल 6 लाख 45 हजार 192 रूपये की राशि जारी किये गये अनुबंधों के आधार पर भुगतान किये जाने योग्य थी इस तरह प्रथम दृष्टया भोजनालय को 10 लाख 47 हजार 954 रूपये अतिरिक्त भुगतान मंडी द्वारा दिया जाना पाया गया है।
इस अनियमितता के तत्कालीन सचिव मो अली सैयाद, महेन्द्रकुमार वैध, तत्कालीन प्रभारी लेखापाल टी एल डिब्बे, को दोषी पाया गया है कृषक भोजनालय के ठेकेदार ओम सांई प्रो. विवेक ऐडे से वसूली योग्य है।
यह उल्लेखनीय है कि इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार आनंद ताम्रकार ने उपसंचालक को शिकायत प्रेषित की थी की कृषि मंडी के भोजनालय द्वारा 5 लाख 32 हजार 875 कूपन जारी किये गये है जबकि मंडी द्वारा प्रिंटिंग प्रेस से केवल 40 हजार कूपन प्रिंट कराये गये हैं जिनके माध्यम से भोजन कूपन की आड में मंडी को लाखों रूपये आर्थिक क्षति पहुचाई गई है।