
यदिरेड्डी की ओर से चांदी का मुकुट मंदिर में दान में देना लोगों को बेशक चौंका देने वाला हो, लेकिन मंदिर प्रबंधन के लिए ये कोई नई बात नही है। यदिरेड्डी इससे पहले साईबाबा के लिए भी चांदी का मुकुट दान कर चुके हैं। मंदिर के चेयरमैन और विधायक गौतम रेड्डी के अनुसार यदिरेड्डी इन मुकुटों पर डेढ़ लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए होने वाले भंडारे के लिए भी यदिरेड्डी 20 हजार रुपए दान कर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यदिरेड्डी पिछले कई सालों से मंदिर के आगे भीख मांग रहे हैं। भीख मांगकर वो जो भी धन एकत्रित करते हैं सब भगवान को ही अर्पित कर देते हैं। यदिरेड्डी अपने इस काम से बहुत से लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।
अपनी किशोरावस्था में ही यदिरेड्डी विजयवाड़ा आ गए थे। यहां उन्होंने 45 वर्षो तक रिक्शा चलाया। जब उम्र बढऩे के साथ रिक्शा चलाना कठिन हो गया तो उन्होंने मंदिर के बाहर भीख मांगना शुरू कर दिया। यदिरेड्डी के परिवार में कोई नही है इसलिए वो भगवान को ही अपना सारा पैसा समर्पित करना चाहते हैं। यदिरेड्डी भगवान में बहुत विश्वास रखते हैं। वो कहते हैं कि उनकी कृपा से ही मैं जीवित हूं, इसलिए मैं श्रीराम को ही अपना सब कुछ अर्पित करना चाहता हूं।