सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के मामले में सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार से पूछा है कि जब वह यह योजना बना रहे थे तो क्या वह गुप्त थी? कोर्ट ने इस नतीजे पर पहुंचने से पहले कि नोटबंदी मोदी सरकार का गैरकानूनी कदम है या कानूनी, केन्द्र सरकार से सवाल पूछे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि एक व्यक्ति कितने पैसे बैंक से निकाल सकता है। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने नोटबंदी के मामले में सुनवाई के दौरान पूछा है कि एक व्यक्ति एक दिन में 24 हजार रुपये निकालने की लिमिट है। क्या कोई व्यक्ति इतनी रकम निकाल भी पा रहा है। इस पर कोर्ट ने सरकार से 14 दिसंबर तक जवाब देने के लिए कहा है।
वहीं इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा है कि वह हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे हैं। अगले 10 से 15 दिनों में दिक्कतें दूर हो जाएंगीं।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से किए हैं ये सवाल
1. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा है कि नोटबंदी का फैसला आरबीआई एक्ट 26 (2) का उल्लंघन है? इस एक्ट के मुताबिक केंद्रीय बोर्ड की मंजूरी से ही किसी सीरीज के नोटों को बंद करने का फैसला लिया जा सकता है।
2. क्या नोटबंदी को लेकर आठ नवंबर को जो फैसला लिया गया और उसके बाद का नोटिफिकेशन असंवैधानिक है?
3. नोटबंदी का फैसला संविधान के अनुच्छेद 14 में दिए दिए समानता के अधिकार और व्यापार करने की आजादी से संबंधित अनुच्छेद 19 जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है?
4. नोटबंदी के फैसला लेने से पहले कोई तैयारी नहीं की गई थी या फिर इसे लागू करने से पहले नए नोटों का सही इंतजाम नहीं गया था कि देशभर में कैश कैसे पहुंचाया जाएगा?
5. किसी भी व्यक्ति का बैंकों और एटीएम से पैसा निकालने की सीमा तय करना लोगों के अधिकारों का हनन है ?
6. क्या किसी जिला सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा करने और नए रुपये निकालने पर रोक सही है?
7. केन्द्र से यह भी पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट में कोई राजनीतिक पार्टी जनहित याचिका दाखिल कर सकती है?
8. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि एक व्यक्ति कितने पैसे बैंक से निकाल सकता है?