भोपाल। प्रतिबंधित पर्चों के साथ शिवराज सिंह चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हे हबीबगंज थाने में रखा गया। यहां रात भर शिवराज सिंह की पिटाई हुई। बाद में उन्हे जेल में डाल दिया गया। पुलिस ने बताया है कि शिवराज सिंह चौहान को भारत सरकार विरोधी पर्चों के साथ पकड़ा गया है।
कुछ इस तरह की खबर उन दिनों अखबारों में छपी होंगी जब सीएम शिवराज सिंह चौहान एबीवीपी का काम किया करते थे। राजनीति को ठीक से समझ भी नहीं पाए थे और जेल भेज दिए गए। यह घटनाक्रम खुद शिवराज सिंह चौहान ने सुनाया।
शिवराज ने इंदौर में एबीवीपी के 62 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के तहत आयोजित पूर्व कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, ‘‘एबीवीपी में काम करने के दौरान मैंने सभी सहयोगियों को साथ लेकर निर्णय लेने और हर काम से पहले इसकी विस्तृत योजना बनाने जैसे महत्वपूर्ण पाठ सीखे. ये सबक आज भी मेरे काम आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एबीवीपी में काम करने के दौरान वह इस संगठन के कोष को बेहद सोच-समझकर ‘कंजूसी से’ खर्च करते थे. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं आज भी अपनी जेब में पैसा नहीं रखता हूं।
शिवराज ने इस मौके पर यह भी याद किया कि उन्हें भोपाल में स्कूली जीवन के दौरान एबीवीपी के सम्पर्क में आये कुछ ही दिन हुए थे कि देश में आपातकाल लग गया और उन्हें पुलिस ने आपातकाल विरोधी पर्चो के साथ गिरफ्तार कर लिया था। शिवराज ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने के बाद हबीबगंज थाने पर रखा गया था, जहां रात भर उनकी पिटाई हुई. इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘‘जेल में मैंने विवेकानंद और लोकमान्य तिलक के रचे साहित्य का गहन अध्ययन किया जिससे मैं एबीवीपी का पक्का कार्यकर्ता बन गया था। एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिग्गज नेता सुरेश सोनी और एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर भी मौजूद थे।