
सूत्रों की मानी जाए तो बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा के मेडिकल कॉलेज सहित कई मेडिकल कॉलेज के छात्रों की तलाश है। ये छात्र स्कोरर के रूप में मध्य प्रदेश पीएमटी की परीक्षा में शामिल हुए थे। इनकी संख्या करीब साढ़े पांच हजार है। सीबीआई को इनमें से कुछ के तो असली नाम ही नहीं पता है। इनके फोटो, हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान से पहचान करने की कोशिश की जा रही है। संदिग्ध कई छात्र तो यहां के कॉलेज से एमबीबीएस कर प्रेक्टिस करने में लगे हैं। उधर सीबीआई ने इस कड़ी में एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार को 114 मेडिकल स्टूडेंट्स की तस्वीरें, हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान भेजे हैं। इसमें चार छात्राएं भी शामिल हैं।
इंजन-बोगी का कोड
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले से जुड़े व्यापमं घोटाले में यह खुलासा हुआ है कि परीक्षार्थी दो कोड नाम ‘बोगी’ और ‘इंजन’ के नाम से फर्जीवाड़ा करते थे। असल परीक्षार्थियों का कोड बोगी था, जबकि इंजन नाम से फर्जी परीक्षार्थी प्रवेश परीक्षा में बैठते थे। मामले के जांच अधिकारी सीबीआई के एसपी आरके दास की चिट्ठी से इसका खुलासा हुआ है। यह कोड एसकेएमसीएच में चलता था।