
ग्रामीण इलाकों की सड़कों के लिए सैफ्टी चेक लिस्ट में इनकी डिजाइन ऐसी ही बनाई जा रही है कि यहां गाड़ियों की स्पीड 40 किमी से ज्यादा नहीं हो सके। सेफ्टी सूची में इस बात का भी जिक्र है कि सड़कों पर गति सीमा से संबंधित बोर्ड लगाए जाएंगे। एक अनुमान है कि इस तरह की सड़कों को बनाने का प्रति किलोमीटर खर्ज महज 25 लाख रुपये में एक किमी सड़क बनाई जा सकेगी। इनकी चौड़ाई भी मात्र तीन मीटर ही रहेगी।
इन सड़कों में पीएमसी लेयर- 20 मिलीमीटर, जी3 परत - 75 मिमी व जी2 लेयर- 75 मिमी ही फिक्स कर दिया गया है। इन सड़कों पर गाड़ियों का वजन भी तय कर दिया गया है। 2.86 टन से लेकर 0.34 टन वजन की गाड़ियां ही चल सकेंगी। मतलब कि इससे ज्यादा वेट की गाड़ियां चलीं तो सड़क की परत उखड़ सकती है। इससे अधिक वजन की गाड़ी चली तो सवार और सड़क दोनों को ही नुकसान हो सकता है।
विदित हो कि अधिक गति के लिए सड़क निर्माण में जीएसबी 150 मिमी, अर्थन शोल्डर 150 मिमी जरुरी होता है। इन सड़कों के निर्माण में इन नियमों का पालन नहीं किया जाना है। जिस तरह की शर्तें जोड़ी गई हैं, उसे देखते हुए एक भी ठेकेदार इनके निर्माण के लिए सामने नहीं आ रहा है। राज्य सरकार की ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण अबतकर चार बार टेंडर निकाल चुका है। कुल मिलाकर 14 जिलों में सड़कें बननी हैं। इस संबंध में जो सच सामने आए हैं, उसके मुताबिक ठेकेदार नई शर्तों से नाखुस हैं। साथ ही समय पर भुगतान भी नहीं मिलता है। दूसरी ओर प्राधिकरण के एमडी एके नगरिया कहते हैं कि इस बार सभी शिकायतें दूर कर दी जाएंगी।
इन जिलों में बननी हैं सड़कें
सिवनी- 211 किमी
मंडला- 104 किमी
डिंडोरी- 114 किमी
नरसिंहपुर- 406 किमी
बैतूल- 144 किमी
सीधी- 331 किमी
पन्ना- 235 किमी
शहडोल- 155 किमी
अनूपपुर- 30 किमी
रीवा- 299 किमी
जबलपुर- 455 किमी
शिवपुरी- 288 किमी
दतिया- 156 किमी
बालाघाट-119 किमी