
एक भवन में चार छात्रावास
कलेक्टर ने 50 सीटर पिछडा वर्ग कन्या छात्रावास में छात्राओ की संख्या पूछी गई, जिसमें छात्रावास अधीक्षिका ने बताया की इस छात्रावास में तीन अन्य छात्रावास जिसमें पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास अनुसूचित क्रमांक ३, प्री/पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास अनुसूचित जाति क्रमांक २ संचालित है। जिसमें लगभग २०० छात्राएं रहती है। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए सहायक आयुक्त को किराए के भवन लेकर अलग-अलग छात्रावास संचालित करने के निर्देश दिए। छात्राओ ने बताया की छात्रावास में ८ कमरो व २ हॉल है तथा प्रत्येक कमरो में लगभग ७ से ८ छात्राएं अव्यवस्था व असुविधा के बीच रहकर परेशान होती है।
एक कमरे में जलते तीन चूल्हे
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने छात्रावास की छात्राओ से भोजन के संबंध में पूछा जिसमें छात्राओ ने बताया की एक कमरे में लगभग ७ से ८ लोग रहते है तथा भोजन बनाने के लिए उन्होने दो से तीन लोग का समूह बना है, जो एक कमरे में तीन स्टोव के माध्यम से भोजन बनाते है। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कमरे में ही भोजन बनाने से मना कर अलग भवन में भोजन बनवाने की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए।
9 वर्ष पुराने बिस्तरो पर छात्राएं
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने छात्राओ को ठंड में बिस्तर के संबंध में ली जानकारी ली जिसमें छात्राओ ने फटे कंबल, गद्दा होने के साथ ही भवन के अलमारी की टूटी होने की बात कही। छात्राओ ने बताया की वर्ष २००७ से जो भी बिस्तर है जिसे दिया गया है, जिस पर कलेक्टर ने तत्काल ही छात्राओ के लिए ठंड से बचाने के लिए नए बिस्तर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए। जबकि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक छात्रावास में ५ वर्षो में बिस्तरो को बदले जाने के नियम है, लेकिन सहायक आयुक्त की उदासीनता व उनकी लापरवाही के कारण ८ कमरो व २ हॉल में ५० सीटर छात्रावास में २०० छात्राओ को मजबूरी में रहना पड़ रहा है।