
उपभोक्ता लवमोहन वार्ष्णेय ने हिंदुस्तान कंपनी के उत्पाद ताजा चाय के ढाई-ढाई सौ ग्राम के दो पैकेट 24 दिसंबर 2015 को नगर में एक किराने की दुकान से खरीदे थे। कुछ देर बाद शक होने पर उन्होंने दोनों पैकेटों का अलग-अलग वजन कराया।
इसके बाद एक पैकेट में तय मात्रा 250 ग्राम से कम चाय थी। इसकी शिकायत कंपनी के टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराई गई थी। आश्वासन के बाद भी जब कई दिनों तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो उपभोक्ता ने 24 जनवरी 2016 को जिला उपभोक्ता फोरम संभल में हिंदुस्तान यूनी लीवर लिमिटेड, एचयूएल यूनी लीवर हाउस वीडी सावंत मार्ग चाकला अंधेरी ईस्ट मुंबई, महाराष्ट्र तथा नगर के किराना व्यापारी वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध परिवाद दाखिल कराया था।
किराना व्यापारी की ओर से अपना पक्ष फोरम में रखते हुए कहा गया था कि वह इस चाय का निर्माता अथवा निर्माणकर्ता नहीं है। वह तो कंपनी की ओर से बनाए गए उत्पाद को बेचता है। इसके बाद कंपनी की ओर से अपना पक्ष रखते हुए अधिवक्ता आदित्य कुमार शुक्ला ने कहा कि उक्त शिकायत की जांच करने पर उत्पाद का वजन कम निकला था। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वादी की जनहित याचिका को ध्यान में रखते हुए फोरम के अध्यक्ष लियाकत अली व सदस्य अनुज कुमार की ओर से उत्पाद कंपनी को निर्देशित करते हुए फैसला सुनाया कि उपभोक्ता को चाय के पैकेट की कीमत, क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय के तीस हजार रुपये दो माह में अदा किए जाएं। अन्यथा की स्थिति में नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिए जाने की जिम्मेदारी होगी।