
असंवैधानिक पदोन्नति नियमों से सपाक्स वर्ग के सेवक विगत 14-वर्षों से न्याय से वंचित हैं। इन असंवैधानिक नियमों के बचाव हेतु जिस प्रकार शासन जनता की गाढ़ी कमाई का अपव्यय कर रहा है उससे अब सपाक्स वर्ग के सेवकों के पास समाज के बीच जाने के अलावा कोई विकल्प शेष नही बचा है और समाज की मदद से सपाक्स भी न्याय के लिये देश के बड़े से बड़े वकील मैदान में उतारेगा।
यह उल्लेखनीय है कि शासन के इस क़दम से न सिर्फ़ प्रदेश में पदोन्नतियाँ रुकी हैं बल्कि हज़ारों सपाक्स वर्ग के सेवक बिना पदोन्नति के सेवनिवृत हो रहे हैं। शासन के कई पद पदोन्नति न होने से ख़ाली पड़े हैं जबकि कई पदों पर अस्थाई प्रभार से कार्य चल रहा है जिससे प्रशासनिक सेवाएँ भी प्रभावित हैं। सर्वाधिक विपरीत स्थितियाँ लोक स्वास्थ्य यंत्रिकी विभाग में हैं जहाँ वर्ष 2013-14 से कोई भी पदोन्नति नहीं हुई है।
इनपुट: शोऐब सिद्धिकी, प्रवक्ता, सपाक्स