म्हारे जवानों के साथ अन्याय हो रहा सैं, मेरे से देखा नहीं ग्या: मरने से पहले फौजी ने कहा

नई दिल्‍ली। वन रैंक वन पेंशन (OROP) के लिए कथित तौर पर आत्‍महत्‍या करने वाले पूर्व सैनिक रामकिशन ने जहर खाने के बाद अपने बेटे प्रदीप को फोन किया था। दोनों के बीच हरियाणवी भाषा में बात हुई थी, जो इस प्रकार है-

रामकिशन : हेलो।
बेटा : हां पापा।

रामकिशन : भाई ऐसा है प्रदीप, मैंने पोइजन खा लिया सै।
बेटा : यो के करा आपनै?

रामकिशन : म्हारे साथ मै अनर्थ हो रहा है। म्हारे जवानों के साथ अन्याय हो रहा है। मेरे से देखा नहीं गया।
बेटा : फेर यो के डिसिजन लिया पापा?

रामकिशन : डिसिजन का के मतलब हो सै? अरै तेरी मां तैं बात करवा एक बार।
बेटा : कौन-सी टेबलेट थी?

रामकिशन : सल्फास की। जवानों के लिए मैंने अपने आप को न्योछावर कर दिया।
बेटा (रोते हुए) : आप हिम्मत हार गए पापा।

रामकिशन : तू रहण दे न। तेरी मां तै बात करवा।

मेरे पिता मरे नहीं, शहीद हुए हैं: जसवंत
वहीं पिता के आत्महत्या की खबर सुनकर दिल्ली पहुंचे जसवंत एवं प्रदीप के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उनकी जुबान पर उनके पिता का नाम था और उनकी शहादत का दर्द। वे बस यही कहते रहे कि उनके पिता ने आत्महत्या नहीं की है, वे शहीद हुए हैं। उन्होंने लाखों सैनिकों के हक की लड़ाई के लिए अपनी जान दी है। उनकी शहादत को आत्महत्या कहकर न झुठलाया जाए।
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