
जानकारी के अनुसार, पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक संदीप जाट पिछले कई दिनों से बीमार था। जांच में डेंगू होने की पुष्टि के बाद ग्वालियर में उसका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उसे दिल्ली में इलाज कराने की सलाह दी थी। इसी बीच उसकी वीवीआईपी ड्यूटी लगा दी गई और मांगने पर भी छुट्टी नहीं दी गई। ड्यूटी के दौरान ही उसकी ज्यादा तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल अस्पताल दाखिल कराया गया जहां से परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लेकर जा रहे थे, लेकिन मथुरा के पास रास्ते में ही आरक्षक ने दम तोड़ दिया।
संदीप के साथी दबे स्वरों में स्वीकार कर रहे है कि वह काफी दिनों से बीमार था। वीआईपी ड्यूटी का हवाला देकर अफसरों ने उसे छुट्टी नहीं दी थी। बताया गया है संदीप जाट को बुखार की स्थिति में राष्ट्रपति यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया था। परिजनों ने बताया कि संदीप की इसी साल मार्च में शादी हुई थी। वह मूल रूप से हरियाणा के भिवानी का निवासी था।
पुलिस अफसरों का कहना है कि संदीप की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब आरक्षक के परिजन को पुलिस सहायता कोष से 50 हजार रुपए की सहायता दी गई है।