
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश के बाद प्रमुख जलाशयों में विसर्जन पर रोक लगाई गई थी। इसकी तीन स्तरीय निगरानी की गई थी। विसर्जन के पहले, उसके अगले दिन और एक सप्ताह बाद जलाशयों के सैंपल लिए गए थे। इसमें यशवंत सागर, बिलावली, पीपल्याराव और सिरपुर तालाब भी शामिल था।
रिपोर्ट में इनके पानी में कोई बदलाव नहीं आया, जबकि जवाहर टेकरी स्थित जलाशय में बड़ा असर देखा गया। यहां के सैंपल के विश्लेषण में सामने आया कि पानी की गुणवत्ता में डिसॉल्व सॉलिड (घुलनशील ठोस कण), सस्पेंडेड सॉलिड (निलंबित ठोस कण) की मात्रा डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है। भारी धातुओं की मात्रा भी कम मिली है।