भोपाल। सरकारी कामकाज को और बेहतर करने और पब्लिक डिलीवरी सिस्टम सुविधाजनक बनाने के लिए प्रदेश में रिवाॅर्ड और पनिशमेंट पालिसी बनेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को वरिष्ठ अफसरों को बुलाकर गुड गवर्नेंस को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विचार-विमर्श किया।
इसमें तय किया गया कि राज्य में अच्छा काम करने वाले अफसरों को रिवाॅर्ड और लापरवाह अफसरों को पनिशमेंट देने की नीति बनाई जाएगी। वर्तमान में अफसरों की जवाबदेही तो तय है लेकिन इसका कोई मापदंड नहीं है। खासबात यह है कि भोपाल में 25-26 अक्टूबर को प्रस्तावित कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस अब गुड गवर्नेंस पर केंद्रित होगी। इसमें सामान्य मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी।
मप्र में रिवार्ड-पनिशमेंट कोई सिस्टम नहीं
मुख्यमंत्री ने पूछा कि इफेक्टिव गवर्नेंस के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? ऐसा क्यों है कि शहडोल संभाग के तीन जिलों में बहुत अच्छा काम हुआ है, लेकिन इनकी तुलना में अन्य तीन जिलों में काम बहुत बचा है? श्योपुर में कुपोषण की स्थिति में सुधार क्यों नहीं आ पा रहा है? ज्यादातर ब्राइट आफिसर इंदौर, भोपाल जैसे बड़े जिलों में पोस्ट किए जाते हैं? ऐसे कई सवाल मुख्यमंत्री ने अफसरों के सामने रखे। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में अफसरों ने कई सुझाव दिए। जिसमें यह बात सामने आई कि मप्र में रिवार्ड-पनिशमेंट कोई सिस्टम नहीं है। इसकी पालिसी बनना चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला, कई विभागों के अपर मुख्य सचिव और सीएम सचिवालय के सभी अफसर मौजूद रहे।
बड़ा काम, बड़ी पोस्टिंग
बैठक में उदाहरण दिया गया- जैसे इंदौर में किसी अफसर की पोस्टिंग करना है तो पहले वह किसी चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में कुछ बेहतर काम करके दिखाए। इससे प्रशासन प्रभावी ढंग से संचालित होगा और पब्लिक डिलेवरी सिस्टम में कसावट आएगी।