नईदिल्ली। दिखने में काफी लक्झरी लगने वाली होंडा मोबिलियो कार सुरक्षित नहीं है। मात्र 64 की स्पीड पर यह कार क्रेश हो गई। अर्थात यह कि यदि 64 की स्पीड पर यह कार किसी भारी चीज से टकराती है तो इसके भीतर बैठे लोग मारे जा सकते हैं। इसके अलावा रेनो क्विड कार भी दिखने में कितनी भी लवली लगती हो लेकिन सुरक्षा के दृष्टि से काफी ठीक नहीं है। इसमें जान बच भी सकती है लेकिन मारे जाने की संभावनाएं काफी हैं।
ब्रिटेन की संस्था ग्लोबल नेशनल कार असेस्मेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने हाल ही में भारत में बनी रेनो क्विड और होंडा मोबिलियो का क्रैश टेस्ट किया था। इस में क्विड को एक स्टार और मोबिलियो के बेस मॉडल को जीरो रेटिंग हासिल हुई है।
रेनो क्विड का क्रैश टेस्ट
क्रैश टेस्ट में 1.0 लीटर इंजन और ड्राइवर साइड एयरबैग वाली रेनो क्विड को उतारा गया। क्विड का आगे से क्रैश टेस्ट हुआ। व्यस्क पैसेंजर सुरक्षा के मामले में रेनो क्विड को एक स्टार रेटिंग हासिल हुई। रेनो क्विड में सुरक्षा को लेकर मामूली सुधार हुआ है। इस साल की शुरूआत में भी रेनो क्विड के स्टैंडर्ड वर्जन का क्रैश टेस्ट हुआ था तब इसे व्यस्क पैसेंजर की सुरक्षा के मामले में जीरो स्टार और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 2-स्टार मिले थे। इस टेस्ट में उतरी कार में ड्राइवर साइड एयरबैग के अलावा प्रीटेंशनर सीट बेल्ट दिए जाने के कारण सुरक्षा में थोड़ा सुधार हुआ है।
होंडा मोबिलियो का बेस वेरिएंट हुआ फेल
बात करें होंडा मोबिलियो की तो, इसके दो वेरिएंट टेस्ट में उतारे गए। बेस वेरिएंट असफल रहा और इसे जीरो रेटिंग मिली। वहीं दो एयरबैग वाले वेरिएंट ने अच्छा प्रदर्शन किया। इसे तीन स्टार हासिल हुए। रिजल्ट को देखते हुए कहा जा सकता है कि मोबिलियो के सभी वेरिएंट में एयरबैग जैसे सेफ्टी फीचर स्टैंडर्ड देने की जरूरत है।
रेनो को और सुधार की जरूरत
एनसीएपी के महासचिव डेविड वार्ड ने नतीजों पर चिंता जताते हुए कहा कि रेनो को क्विड को और सुरक्षित कार बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, रेनो ने काफी सीमित सुधार किए हैं। कंपनी को चाहिये कि जिस वर्जन को एक स्टार मिला है, उसे ऑप्शनल के बजाए स्टैंडर्ड मॉडल के तौर पर बेचा जाए। ऐसे ही होंडा के बारे में बोलते हुए डेविड ने कहा कि होंडा ने दिखाया है कि दो एयरबैग के साथ उनकी कार 3 स्टार हासिल कर सकती है। ऐसे में कंपनी को चाहिये कि यह सेफ्टी फीचर ऑप्शनल देने के बजाए स्टैंडर्ड तौर पर दें।