
गोरखपुर थानांर्गत निवासी अजीत सिंह आनंद उर्फमंगे सरदार की याचिका पर जस्टिस अतुल श्रीधरन ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसका पत्नी से विवाद हो गया था। हसके बाद पत्नी ने गोरखपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। चूंकि यह मारपीट का मामला था इसलिए धारा भी उसी के तहत लगनी थी, लेकिन पुलिस ने इस विवाद पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया था।
टीआई विजय पुंज ने रोजनामचे में लिखा था कि कार्रवाई एसपी के निर्देश पर की गई है। जबकि पत्नी पर दबाव देकर केस दर्ज करवाया गया था। न्यायालय ने पुंज की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं को पहले ढाई बजे तक का समय दिया, लेकिन इसके बाद भी जब हाजिर नहीं हुए तो नॉनबेलेबल वारंट जारी कर दिया।
हालांकि अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि नोटिस गोरखपुर एसएचओ के नाम से जारी हुआ था इसलिए उन्हें जानकारी नहीं मिल पायी लेकिन कोर्ट ने पुंज की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं को कहा कि इससे पूर्व 12 अगस्त को पुंज को उपस्थित होने कहा गया था लेकिन वे बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी उपस्थित नहीं हो रहे हैं इसलिए अब उन्हें गिरफ्तार कर ही पेश किया जाए।