भोपाल। सरकार ने एक बार फिर पुराना पैंतरा चला है। अध्यापक तिरंगा यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो सरकार ने भ्रम पैदा करने वाली जानकारी लीक कर दी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार सहायक अध्यापकों को 7440-2400 और वरिष्ठ अध्यापकों को 10,230-3600 वेतनमान देने को राजी हो गई है लेकिन यह रजामंदी किसी काम की नहीं है क्योंकि इस प्रस्ताव को परीक्षण के लिए वित्त विभाग के पास जाना है, जहां से इस पर इंकार कर दिए जाने की संभावनाएं भी हैं।
केबिनेट के निर्णय के चार माह बाद भी अध्यापकों को अब तक छठे वेतनमान का लाभ नहीं मिला है। इसे लेकर अध्यापक कई बार स्कूल शिक्षा विभाग और मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों से मिल चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने वेतनमान में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत सहायक अध्यापकों को 5200-2400 के स्थान पर 7440-2400 रुपए और वरिष्ठ अध्यापकों को 9300-3600 के स्थान पर 10230-3600 का वेतनमान दिया जाना है।
बता दें कि शिवराज सरकार ने 1 जनवरी 2016 से अध्यापकों को 6वां वेतनमान देने का ऐलान कर दिया है। अब विवाद केवल गणना पत्रक पर है। मप्र शासन के अधिकारियों ने जो पत्रक बनाया था उसमें कई विसंगतियां थीं अत: उसे स्थगित कर दिया गया। अब केवल नया पत्रक जारी करना है। जिसे लगातार टाला जा रहा है। अब जब अध्यापक फिर से एकजुट होने की कवायद कर रहे हैं तो सरकार ने फूट डालने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया।