धार। 24 घंटे लापता रहे भाजपा विधायक कालू सिंह को पुलिस ने उमरियां गांव में खेत पर ढूंढ निकाला। विधायक का कहना है कि वो शांति की तलाश में अज्ञातवास पर चले गए थे परंतु उनको नजदीक से जानने वाले सूत्रों का कहना है कि कालू सिंह शांति की तलाश में नहीं गए थे बल्कि अपनी किडनैपिंग प्लान कर रहे थे जो फेल हो गई। यह सबकुछ उन्होंने ठेकेदार पीडी अग्रवाल से चल रहे विवाद के कारण किया।
ठेकेदार पीडी अग्रवाल 250 करोड़ रुपए का नागदा-गुजरी सीमेंटेड टू-लेन निर्माण कर रहे हैं। अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने विधायक कालू सिंह की सभी मांगे पूरी कर दीं लेकिन फिर भी वो परेशान कर रहे हैं और निर्माण में अड़ंगे लगा रहे हैं।
इस विवाद की शुरुआत में नालछा थाना क्षेत्र में काम शुरू होने पर निर्माता कंपनी के कर्मचारियों की टोटल स्टेशन मशीन तोड़ दी थी। मारपीट भी की गई थी। मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें विधायक का नाम लिया गया था। इसके बाद 11 सितंबर को भारूड़पुरा में वाहनों में तोड़फोड़ हुई। इस बार भी निर्माता कंपनी ने विधायक के पीए शशिकांत चौहान, मुकुट व अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई।
2 रोज पहले ही चौहान व मुकुट की गिरफ्तारी हो गई। यह विधायक कालू सिंह के लिए प्रतिष्ठा का विषय था। ठेकेदार ने विधायक के पीए को जेल भिजवा दिया। चर्चा है कि ठेकेदार को फंसाने के लिए उन्होंने अपनी किडनैपिंग प्लान की और घर से चुपचाप बिना गनर को साथ लिए निकल गए लेकिन उनकी प्लानिंग सफल नहीं हो पाई। पुलिस ने फटाफट कार्रवाई करते हुए उन्हें ढूंढ निकाला।