भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित कर रही है नंदकुमार सिंह की कार्यसमिति लिस्ट

Bhopal Samachar
भोपाल। अब तो यह विचार करने की सख्त जरूरत आ गई है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने अपनी कार्यसमिति की लिस्ट जारी करके क्या संदेश दिया है। बाबूलाल गौर के मामले को तो उन्होंने यह कहकर संभाल लिया था कि उनका नाम टाइपिंग की गलती के कारण छूट गया लेकिन इसके अलावा भी दर्जनों ऐसी गलतियां हुईं हैं जो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित कर रहीं हैं। 

सैंकड़ों नामों के साथ जारी हुई भाजपा कार्यसमिति की जंबो लिस्ट में प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्री माखन सिंह चौहान, अरविंद मेनन और भगवतशरण माथुर के नाम नहीं हैं। क्या अब ये लोग भाजपा में नहीं रहे या फिर भाजपा के लिए आदरणीय नहीं रहे। 

नंदकुमार सिंह ने मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से शामिल किए गए सभी मंत्रियों को अपनी लिस्ट में दर्ज किया है लेकिन फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल दवे, प्रकाश जावड़ेकर और एमजे अकबर को बतौर सांसद शामिल करना बताया गया है। जबकि नैतिकता के अनुसार चारों के नाम के आगे केंद्रीय मंत्री लिखा जाना चाहिए था। 

नंदकुमार सिंह तर्क दे सकते हैं कि उन्हें सांसद होने के नाते संगठन में लिया गया है। मंत्री होने के नाते नहीं, लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल ओमप्रकाश धुर्वे, अर्चना चिटनीस, विश्वास सारंग, हर्ष सिंह, संजय पाठक, रुस्तम सिंह, ललिता यादव और सूर्यप्रकाश मीणा के नाम के आगे मंत्री लिखा गया है। ऐसा क्यों हुआ। 

उच्च शिक्षामंत्री जयभान सिंह पवैया को भी कार्यसमिति में शामिल किया गया है लेकिन उनके नाम के आगे विधायक लिखा है। तो क्या नंदकुमार सिंह चौहान ने इस तरह से जयभान सिंह पवैया को अपमानित करने का प्रयास किया है। 

दलबलदुओं को तवज्जो 
बसपा से आए बुद्धसेन पटेल और प्रदीप पटेल, शिवसेना से आए संजीव सक्सेना, कांग्रेस से आए राजेंद्र गुरु, चौधरी राकेश सिंह, निशिथ पटेल, मदनमोहन गुप्ता, उदय प्रताप सिंह, भागीरथ प्रसाद, सुशील तिवारी समेत भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी एसएस उप्पल को भी नंदकुमार ने अपनी टीम में रखा है।

लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को कोई जगह नहीं दी 
पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं जैसे रामदास मिश्रा, विमला पांडे, केशव पांडे, कमलेश्वर सिंह, रविनंदन सिंह, मधुकरराव हर्णे और सुधा जैन को जगह नहीं मिली है। यहां नंदकुमार सिंह यह भी नहीं कह सकते कि लिस्ट लंबी होने के कारण इन्हे छोड़ दिया गया क्योंकि कई परिवारों से दो-दो सदस्य भी इस कार्यसमिति में हैं।
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