
कमिश्नर को समझाया: या तो आप कार्रवाइ करें या हम करेंगे
सूत्रों के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन के बड़ी संख्या में विभाग के स्तर पर मामले अटकने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने राजस्व के हजारों की संख्या में मामले लंबित रहने पर राहत आयुक्त केके खरे से कहा कि आप नीचे वालों पर कार्रवाई करें, हमें आपसे मतलब है। सुधार नहीं हुआ तो आप पर कार्रवाई करेंगे।
किसानों को परेशान करना बंद करें
अधीक्षक भू-अभिलेख से उन्होंने कहा कि सीमांकन के मामले में बहानेबाजी नहीं चलेगी कि बारिश है या अन्य कोई कारण। कब से मामले लंबित हैं, उसका हिसाब लगाईए। लालसिंह आर्य ने आदेश होने के बाद भी किसानों को नामांतरण, बंटवारा, खसरा-खतौनी के दस्तावेज नहीं मिलने का मुद्दा उठाया, जिसका ज्यादातर मंत्रियों ने समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व मंत्री देखें कि क्यों मामले पेंडिंग पड़े हैं।
लोकायुक्त को अभियोजन की मंजूरियां भेजिए
अभियोजन के लंबित मामलों पर सीएम ने पूछा कि चालान पेश करने की मंजूरी क्यों लंबित है। एफआईआर क्यों नहीं हो रही है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि विभाग के स्तर पर कार्रवाई कर लोकायुक्त संगठन को जानकारी भेज दी है, हो सकता है उन्हें न मिली हो। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने कहा कि विभागों को अधिकार दिए गए हैं कि वे निराकरण कर कार्रवाई करें। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बात को डायवर्ट करने की कोशिश न करें। जो भी करप्शन के मामलों में दोषी हो, उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाए। ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लोक सेवा गारंटी का दायरा बढ़ाया
नगरीय विकास मंत्री माया सिंह की गैर-मौजूदगी में प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने विभागीय जानकारी दी। उन्होंने हाथ ठेला सहित अन्य हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए निकाय स्तर पर शिविर लगाने की बात रखी तो वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार ने सुझाव रखा कि पांच-छह वार्ड को मिलाकर एक कार्यक्रम करना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बड़े निकायों में तो ये व्यवस्था की जा सकती है पर छोटे निकायों में एक ही कार्यक्रम किया जाए। बैठक में ही तय हुआ कि लोक सेवा गारंटी कानून के दायरे में कॉलोनाइजर लायसेंस की एनओसी और प्रापर्टी के नामांतरण को शामिल किया जाए।
मंत्रियों से कहा अपने विभाग के काम भी करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री हर सप्ताह अपने विभाग की समीक्षा करें। निवेश के प्रस्ताव किसी भी सूरत में अटकने नहीं चाहिए। खराब सड़कों को प्राथमिकता पर सुधारा जाए।
उपसचिवों को कलेक्टर बना दिया, मेरे पास अधिकारी ही नहीं बचे
मुख्यमंत्री ने फाइल ट्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश फिर से दिए। इस पर नगरीय विकास के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने कहा कि वल्लभ भवन में अब हमारे पास कर्मचारी ही नहीं हैं। दो उपसचिव थे, दोनों (ओपी श्रीवास्तव और आशीष सक्सेना) कलेक्टर बन गए हैं। तीन अवर सचिव के पद हैं पर एक ही है। इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि व्यवस्था ठीक करें।