
बता दें कि एनजीटी ने शहर के बीच स्थित स्लाटर हाउस को शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। इसकी आड़ में अत्याधुनिक कत्लखाना प्लान कर लिया गया। भोपाल के स्लाटर हाउस में प्रतिदिन भोपाल की जरूरत के हिसाब से 60 पशु औसत काटे जाते हैं, जिसमें शर्त है कि गायें नहीं होतीं परंतु अत्याधुनिक कत्लखाने में 1200 पशुओं को हर रोज काटने की तैयारी कर ली गई। मांस निर्यात करने वाली एक प्राइवेट कंपनी को कत्लखाना संचालित करने का काम दिया गया। विरोध तो तब हुआ जब इस अत्याधुनिक कत्लखाने के लिए जगह की तलाश शुरू हुई। शहर में तेजी से विरोध बढ़ता गया। 38 संस्थाओं समेत भोपाल में भाजपा के तमाम जनप्रतिनिधियों को जनता के दवाब में स्लाटर हाउस का विरोध करना ही पड़ा।
सहकारिता एवं गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने शहर में स्लाटर हाउस न खोलने की मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। श्री सारंग आज महापौर श्री आलोक शर्मा, सांसद श्री आलोक संजर एवं विधायक श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह के साथ मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले थे। उन्होंने स्लाटर हाउस के संबंध में मुख्यमंत्री को नागरिकों की जन-भावनाओं से अवगत करवाया।