
काशी के पंडित दिवाकर शास्त्री के मुताबिक इस बार तीज का पर्व काफी सुखद संयोग लेकर आया है। तृतिया तिथि 4 तारीख को सुबह 5 बजे से लग जायेगी इसलिए व्रत रखने वाली महिलाएं और लड़कियां इससे पहले ही सरगी कर लें।
पूजा करने का सही मुहूर्त शाम 6 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है। इस दौरान की गई पूजा बहुत सारी खुशियां और लाभ जातक को पहुंचायेगी।
क्या है मान्यता
कहते हैं माता पार्वती ने वन में जाकर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक पेयजल त्यागकर लगातार तप किया था। जिसके फलस्वरूप स्वयं भगवान शिव को उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करना पड़ा।
तपस्या और निष्ठा का व्रत
तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां यह व्रत रखती है वह बड़ा कठिन है, क्योंकि ये व्रत बिना पानी के रखा जाता है। इस व्रत का खास तौर पर उत्तर भारत में विशेष मान है। कहते हैं इस व्रत को करने से सात जन्मों तक उन्हें वही पति प्राप्त होते हैं, जिनकी वो कामना कर रहीं हैं।