
बरघाट के उलट गांव निवासी 70 वर्षीय महिला पार्वता बाई काफी दिनों से बीमार चल रही थी, मंगलवार सुबह उसकी तबियत फिर खराब हो गई। परिजनों के कई बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस घर नहीं पहुंची। ऐसे में पार्वता बाई के बेटों ने अपनी मां को बाइक से ही अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बेटों को जब मां की मौत का एहसास हुआ तो दिल पर पत्थर रख वो बाइक से ही दोबारा गांव की ओर लौटने लगे।
इस दौरान 12 किलोमीटर का सफर तय कर जैसे ही वो पोनर कला पहुंचे तो उनकी बाइक खराब हो गई। उन्होंने एक बार फिर एंबुलेंस के लिए फोन लगाया। इस बार एंबुलेंस आई तो बेटों ने उससे मां के शव को पांच किलोमीटर दूर स्थित घर तक छोड़ने का निवेदन किया, लेकिन चालक नहीं माना और वो वापस लौट गया।
इस परिस्थिति में बेटों ने आसपास के लोगों से मदद मांगी, लेकिन उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। आखिरकार दो घंटे बाद गांव के लेखराम का दिल पसीजा और उसने अपने चार पहिया वाहन में महिला के शव के साथ बेटों को उनके गांव तक छोड़ा।