फर्जी विधायक को सुविधाएं दे रही है शिवराज सरकार

ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में अयोग्य करार दिए गए गुना विधायक राजेन्द्र सलूजा को शासन की ओर से अभी भी वो तमाम सुविधाएं दी जा रहीं हैं जो एक पूर्व विधायक को दी जातीं हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में मप्र शासन को नोटिस जारी किया है। 

वंदना मांढरे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में राजेन्द्र सलूजा को दी जा रही पूर्व विधायक की सुविधाओं को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरोत्तम शर्मा ने बताया कि राजेन्द्र सलूजा ने वर्ष 2008 में सांसी जाति का जाति प्रमाण पत्र लगाकर गुना विधानसभा से चुनाव लड़ा था। यह विधानसभा अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित थी। फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा था। 

इस मामले की शिकायत शासन को की थी। इसके बाद एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने 10 अगस्त 2011 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें इनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था। कमेटी के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद सलूजा ने युगल पीठ में रिट अपील दायर की। सलूजा की रिट अपील को 50 हजार के हर्जाने के साथ खारिज किया था। सुप्रीम कोर्ट से भी सलूजा को राहत नहीं मिल सकी।

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था। ये चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इनका निर्वाचन अयोग्य घोषित हो चुका था। बावजूद इसके इन्हें पूर्व विधायक की पेंशन व सुविधाएं मिल रही हैं। इसे रोका जाए। विधायक रहते हुए व पूर्व विधायक के नाम पर जिनती भी सुविधाएं ली हैं, वह पैसा वापस लिया जाए। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग व शासन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

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