कलेक्टर को किडनैप करने वाला मोस्टवांटेड नक्सली गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कलेक्टर रहे एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल स्मार्ट टीम (एसएसटी) ने गुरुवार को नक्सली भीमा उर्फ आकाश को गिरफ्तार कर लिया. नक्सलियों ने वर्ष 2012 में तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल का सुकमा जिले से अपहरण कर लिया था। पुलिस ने भीमा को दक्षिण बस्तर के तेलंगाना-आंध्र प्रदेश सीमा से गिरफ्तार किया है।

डीजी (नक्सल ऑपरेशन) डीएम अवस्थी ने गुरुवार शाम 6 बजे पत्रकारों को भीमा की गिरफ्तारी की जानकारी दी। भीमा ने एलेक्स पॉल मेनन का जनसमस्या निवारण शिविर के दौरान मांझीपारा गांव से 21 अप्रैल, 2012 को अपहरण किया था। डीजी के अनुसार, नक्सली एरिया कमांडर हिड़मा एसे ने कलेक्टर एलेक्स पॉल का अपहरण करने की जिम्मेदारी भीमा को दी थी। भीमा ने बताया कि उसे ग्राम मांझीपारा में शिविर लगाए जाने और वहां कलेक्टर के मौजूद होने की सूचना हिड़मा ने दी थी और 16 नक्सलियों की फौज भी दी थी, जिसमें 14 माओवादी और दो जनमलिशिया के सदस्य थे।

हिड़मा ने नक्सली फौज को आधुनिक हथियारों से लैस किया था। इनके पास एसएलआर भी थे, जिसके दम पर इन्हें कलेक्टर को अगवा करने के निर्देश मिले थे। गिरफ्तार नक्सली के अनुसार, उसे हिड़मा ने बताया था कि कलेक्टर के साथ केवल एक राइफल गार्ड तैनात होता है। उसे मारकर कलेक्टर का अपहरण इन्हें करना था, साथ ही उन्हें ये भी हिदायत थी कि यदि कलेक्टर के साथ 5-7 हथियारबंद पुलिस के जवान होंगे तो अपहरण नहीं करना है।

डीजी ने बताया कि भीमा ने जब कलेक्टर के साथ एक राइफलधारी गार्ड को देखकर उसे गोली मारी तो दूसरे गार्ड ने नक्सलियों पर 9 एमएम पिस्टल से गोली चलाई, जिसमें एक नक्सली घायल हो गया था. कलेक्टर जब अपनी गाड़ी की ओर बढ़ रहे थे, तो भीमा ने उनकी पीठ पर एसएलआर टिकाकर उनका अपहरण कर लिया था।

नक्सली फौज कलेक्टर को बंदूक के बल पर पहले मांझीपारा से 3 किलोमीटर दूर गांव बुरबुड़ा ले गई. बुरबुड़ा से वे उन्हें 6 किलोमीटर दूर सिरसेट्टी ले गए. सिरसेट्टी में उन्होंने एक रात रुककर अगले दिन 5 किलोमीटर दूर गुरगड़ी ले गए. वहां से 5 किलोमीटर दूर वगड़े में 22 से 25 अप्रैल तक रुके. वहां पर कलेक्टर एलेक्स ने अपहरण के बाद पहली बार नहाया था. इसके बाद भीमा ने कलेक्टर मेनन को हिड़मा के कहे अनुसार उसके हवाले कर दिया।

डीजी ने नक्सली भीमा की गिरफ्तारी को एसआईबी की बड़ी सफलता बताया है. गिरफ्तार नक्सली भीमा की पत्नी और एक बड़ा भाई भी नक्सली कमांडर के रूप में जंगलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नक्सली भीमा 2013 के बाद से गिरफ्तारी तक नक्सली एरिया ग्रुप कमेटी में मेडिकल इंचार्ज के रूप में कार्य कर रहा था. भीमा गोली से घायल दो नक्सलियों की सर्जरी भी कर चुका है. उसे आपात परिस्थिति में देने वाले सभी दवाओं के नाम याद हैं. डीजी ने बताया कि भीमा 18 वर्ष की उम्र में ही नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उस पर सरकार ने 8 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था.

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