महुआ की शराब बनाने में किया जा रहा मानव मूत्र का प्रयोग

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट जिले के कटंगी तहसील में कच्ची शराब के बढ़ते कारोबार के साथ ही पीने वालों की बढ़ती तादाद के बीच एक बुरी खबर सामने आई है कि महुआ शराब बनाने में मानव मूत्र का उपयोग किया जा रहा हैं। महुआ लाहन मूत्र से गलाकर शराब बनाई जा रही हैं। यह खुलासा तिरोड़ी पुलिस द्वारा दबोचे गए आरोपियों ने किया हैं। इसका मतलब शराबियों को कच्ची शराब के साथ ही मूत्र परोसा जा रहा हैं। 

3 लोग हुए हैं गिरफ्तार
गौरतलब हो कि जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव के निर्देशन में थाना प्रभारी गोपाल सिंह सिकरवार की अगुवाई में बुधवार की शाम पुलिस ने पौनिया नाले के पास शराब बनाते हुए तीन आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा। पुलिस ने मौके पर करीब 60 किलो लाहन के अलावा भट्टी ध्वस्त की एवं शराब बनाने में प्रयुक्त बर्तन सहित 65 ली. शराब जब्त की गई। 

तीनों आरोपी पहुॅचे जेल
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी मुन्नीलाल वल्द सुलब मड़ावी, दुर्याेधन वल्द बृजलाल मासूलकर दोनों निवासी महदुली एवं दुर्गाप्रसाद वल्द गनपत मरकाम निवासी पौनिया पर धारा 34 (2) आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया गया। जहाँ से सभी आरोपियों को जेल भिजवा दिया गया है। इस कार्रवाई में एएसआई शिवलाल परते, आरक्षक योगेश, कृष्णा, रूपनारायण, अमित का सहयोग रहा। 

यूरिया के लिए मूत्र का उपयोग
पुलिस के मुताबिक कड़ी पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके द्वारा महुआ लाहन को गलाने के लिए उसका काफी दिनों तक पेशाब घर में संग्रहण किया जाता रहा, चूंकि पेशाब में यूरिया होता हैं। जिस कारण महुआ को गलाना आसान हो जाता था एवं यूरिया के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं लगता।

...तो क्या अब भी पिओगे भाई
भला कौन मानव मूत्र पीना पसंद करेगा और इस खबर के सामने आने के बाद तो कच्ची को मुंह लगाकर बैठे नशेडि़यों को सबक लेना बहुत जरूरी हैं, सभवतः वह इस आदत को छोड़ने तैयार भी हो जाए। 

जानकारी के अनुसार कटंगी अनुविभागीय क्षेत्र का शायद ही कोई गांव बचा हैं, जहाँ कच्ची शराब बनाई या बेची नहीं जाती हैं। ऐसे में महुआ लाहन शुद्ध यूरिया से गलाया जा रहा हैं या मानव मूत्र से? इस बात को कौन जानता हैं। 

जन जागरूकता के लिहाज से हमारी अपील है कि किसी भी तरह की शराब स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हैं, जिसे न ही पिये, तो बेहतर होगा। फिलहाल महुआ शराब के आदी हो चुके लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत हैं। 

इनका कहना हैंः- 
पौनिया नाले के समीप पकड़ाए आरोपियों ने कड़ी पूछताछ में इस बात का खुलासा किया हैं कि उनके द्वारा महुआ लाहन गलाने के लिए मानव मूत्र का उपयोग किया जाता था। संभवतः अधिकांश जगहों पर यही प्रक्रिया अपनाई जाती होगी। पीने वालों को सतर्कता बरतनी चाहिए। पुलिस की अपील है कि ग्रामीण शराबबंदी व नशामुक्ति का समर्थन करें। 
गोपालसिंह सिकरवार
थाना प्रभारी, तिरोड़ी

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