बैतूल। जिस बस को आरटीओ ने फिट करार दिया था, उसी बस के बीच सड़क पर चलते समय 2 टुकड़े हो गए। कई यात्रियों ने बस में से कूदकर जान बचाई। जिस समय हादसा हुआ, बस में यात्रियों की संख्या केवल 8 थी, इसलिए कोई भयावह दृश्य नहीं बना, यदि बस खचाखच भरी होती तो यह अब तक का सबसे दर्दनाक सड़क हादसा होता। बस को भोपाल आरटीओ ने फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया है।
दरअसल, बस के इस तरह टूट जाने से उसकी फिटनेस को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का आरोप है कि सड़क पर कबाड़ा बसें दौड़ रही हैं। बैतूल से भोपाल जा रही बस का पिछला हिस्सा नीमपानी के पास अचानक टूट गया, जिससे अचानक तेज आवाज हुई। जिससे बस में बैठे यात्री डर गए। यदि बस में यात्री पीछे सवार होते तो बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था। बस में बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं।
जानकारी के मुताबिक सड़क पर फर्राटे भरने के दौरान टूटकर दो टुकड़ों में बंटी स्लीपर बस को पांच महीने पहले ही भोपाल स्थित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की ओर से फिट प्रमाणित किया गया था लेकिन इस हादसे से अब परिवहन विभाग पर उंगली उठना तय है कि क्या वाहनों को चेक कर फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाता है या फाइलों पर साइन कर खाना पूर्ति की जाती है।