
मामले का खुलासा तब हुआ जब गृह विभाग ने इस साल रिटायर होने वाले आईपीएस अफसरों की सूची जारी की। इसमें माथुर का नाम नहीं था। पीएचक्यू ने जब इस बारे में राज्य शासन को पत्र लिखा तो जवाब मिला कि आईजी माथुर 2019 में रिटायर होंगे। इस बीच माथुर की सर्विस बुक की जांच में पाया गया कि जन्मतिथि बदली गई है। केवल पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में दर्ज जन्मतिथि 1959 के आधार पर सर्विस बुक में बदलाव होना शंका के दायरे में आता है। तब गृह विभाग ने आनन-फानन में माथुर को जुलाई में रिटायर करने का आदेश किया था लेकिन माथुर इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे ले आए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद माथुर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। जांच के बाद गृह विभाग ने माथुर को आरोप पत्र दिया। सीआईडी एडीजी जीपी सिंह ने पीके माथुर के खिलाफ एफआईआर की पुष्टि की है।