
जेयू में नियमित शिक्षकों की कमी है। सरकार से पद भरने की अनुमति नहीं मिल रही है। गेस्ट फैकल्टी का मानदेय कम होने से योग्य शिक्षक जेयू में पढ़ाने से कतराते हैं। सदस्यों का कहना था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। कई सालों से गेस्ट फैकल्टी का मानदेय बढ़ाने की मांग चली आ रही है। यूजीसी ने भी मानदेय बढ़ाने को कहा है।
कुलपति ने कहा कि मानदेय बढ़ने से शोध कार्य भी हो सकेंगे। सदस्यों ने पीरियड के साथ ही प्रैक्टिकल का मानदेय भी बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अभी प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए एग्जामिनर को 250 रुपए मिलते हैं। समिति ने यह राशि भी 300 रुपए किए जाने की अनुशंसा कर दी। बैठक में पिछले 3 साल में जेयू के आय-व्यय पर चर्चा हुई।
रखना होगा हिसाब
जेयू में गेस्ट फैकल्टी की भरमार है। पीरियडों की संख्या पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। इसलिए कुलपति ने कहा कि हर विभाग में गेस्ट फैकल्टी का रिकॉर्ड अपडेट रखा जाना चाहिए। उन्हें बैंक से ही भुगतान किया जाना चाहिए। इससे गड़बड़ी के आरोप-प्रत्यारोप से बचा जा सकेगा। बैठक में रजिस्ट्रार प्रो. आनंद मिश्रा, वित्त नियंत्रक अजय शर्मा सहायक कुलसचिव लेखा चेतन राजौरिया व अन्य सदस्य मौजूद थे।