बिना इंटरनेट के ​भी चलेगा एम शिक्षामित्र एप

Bhopal Samachar
जबलपुर। ई-अटेंडेंस के लिए अब मोबाइल में नेट पैक होना जरूरी नहीं है। शिक्षक, अध्यापक बिना इंटरनेट के भी मोबाइल से हाजिरी लगा सकेंगे। इसके लिए शिक्षकों को अपने एंड्राइड मोबाइल में एक बार एप डाउनलोड करना होगा। एक बार लॉगिन हो जाने के बाद रोजाना बिना नेट के ही ई-अटेंडेंस लगा सकेंगे। हालांकि इस बदलाव के बाद भी शिक्षक ई-अटेंडेंस व्यवस्था से सहमत नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि ये व्यवस्था सिर्फ उनके लिए ही क्यों। अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी क्यों नहीं लागू की जा रही।

बता दें कि पिछले साल पूरी तरह से ठप रही ई-अटेंडेंस व्यवस्था से सबक लेते हुए शिक्षा विभाग ने साल एम शिक्षा मित्र (एप) एप्लीकेशन के नए वर्जन में काफी बदलाव किए हैं। इसकी जानकारी 29 जून को भोपाल में प्रदेश स्तरीय ई-अटेंडेंस प्रभारियों की बैठक में एम शिक्षा मित्र के स्टेट कोऑर्डिनेटर सुनील जैन ने दे दी है। बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती भी मौजूद रहे।

बिना नेट ऐसे लगेगी हाजिरी
एप डाउनलोड करने के बाद लॉगिन करना होगा।
मोबाइल में दिए जीपीएस (लोकेशन) को ऑन करना होगा।
शिक्षक सीधे सेटेलाइट से जुड़ जाएंगे और मोबाइल पर उनकी स्थिति अक्षांश-देक्षांश में दिखने लगेगी।
हाजिरी ऑप्शन पर क्लिक करते ही हाजिर लग जाएगी।

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एप में किए ये बदलाव
एम शिक्षा मित्र (एप) पिछले साल 4.0 वर्जन का था जिसे अपग्रेड कर 5.3 किया गया है।
जिन शिक्षकों की ड्यूटी दूसरे कार्यों में लगी है और स्कूल नहीं जा सकते वे एप में पहली बार जोड़े गए अंडर ऑन ड्यूटी (ओडी) ऑप्शन में जाकर ई-अटेंडेंस लगा सकते हैं।
मोबाइल में नेटवर्क न मिलने पर भी यदि स्कूल, दफ्तर में दाखिल होकर हाजिरी लगाई तो नेटवर्क में आने के बाद भी उसी समय की हाजिरी दर्ज हो जाएगी जिस समय हाजिरी लगाई गई थी।
3 बार यदि निर्धारित कार्यालीन समय से देर से हाजिरी लगी तो 1 दिन की सीएल या मेडिकल लीव कट जाएगी। यदि सीएल, लीव नहीं बची तो फिर 1 दिन का वेतन कट जाएगा।

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शिक्षक, अध्यापक इसलिए कर रहे विरोध
शिक्षक, अध्यापक व कर्मचारी संगठनों का कहना है कि ई-अटेंडेंस व्यवस्था के तहत बिना इंटरनेट के हाजिरी लग भी गई तो क्या? दूर-दराज के स्कूलों में मोबाइल का टॉवर भी नहीं मिलता।
जीपीएस मेपिंग में अक्षांश-देक्षांश की गलत एंट्री के कारण कई शिक्षक यदि स्कूल में बैठे हैं तो भी एप उनकी दूरी 700 से 900 मीटर दूर बता रहा है।
व्यवस्था के तहत यदि कोई शिक्षक सिर्फ मोबाइल स्कूल भेज देगा तो उससे उसकी हाजिरी लग जाएगी? ये व्यवस्था सिर्फ शिक्षक, अध्यापकों पर ही क्यों लागू की जा रही। सभी अधिकारी-कर्मचारियों पर भी लागू होना चाहिए।
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