रक्षामंत्री ने अब क्यों छेड़ा आमिर का राग ?

नईदिल्ली। कश्मीर धधक रहा है। वहां की सरकार आतंकवादियों से सहानुभूति जता रही है। पाकिस्तान 15 अगस्त को भारत में धमाके प्लान कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री तक निशाने पर हैं और रक्षामंत्री पुणे में आमिर का राग अलाप रहे हैं। अब विश्लेषण किया जा रहा है कि आखिर रक्षामंत्री ने क्यों आमिर खान वाले विवाद का जिक्र छेड़ा। 

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर सियाचिन पर मराठी पत्रकार-लेखकर नितिन गोखले की पुस्तक का विमोचन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'एक अभिनेता ने कहा है कि उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती है। यह दंभपूर्ण बयान है। यदि मैं गरीब हूं और मेरा घर छोटा है तो मैं तब भी अपने घर से प्यार करूंगा और हमेशा उसे बंगला बनाने का सपना देखूंगा। वह काफी घमंडी बयान था। हमें हमारे देश से प्‍यार करना चाहिए।'

इस मामले में देश लंबी बहस कर चुका है। विषय सत्ताधारी दल के नेताओं की 'असहिष्णुता' है। अमेरिका भी इस मामले में मोदी सरकार को आरोपित कर चुका है और इसे सुधारने की मांग भी कर चुका है। इस विषय में हजारों उदाहरण पेश किए गए और करीब महीने भर तक देश के कौने कौने में बहस चली। 

अब सवाल यह उठता है कि देश के रक्षामंत्री ने ऐसे समय में पुराने प्रसंग को क्यों छेड़ा। उनके मायने क्या थे। क्या वो पाकिस्तान के प्रति अपनाए जा रहे सरकार के नर्म रुख के कारण जनता में उठ रहे आक्रोश को नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। या फिर इन दिनों सरकार अपने ही राष्ट्रवादियों के आरोपों का शिकार हो रही है और उनके गुस्से को मोड़ने के लिए वो आमिर खान और उनके जैसे बयानों की याद दिला रहे हैं। इन दिनों सवाल पाकिस्तान द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी का है जिसे भारत के मुसलमान भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। लोग चाहते हैं कि पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया जाए और इस मामले में सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही है। पर्रिकर का इस संदर्भ में मौन, पाकिस्तान के प्रति 'अतिरिक्त सहिष्णुता' प्रदर्शित कर रहा है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !