चिरायू अस्पताल के लिए बड़े तालाब की सीमाओं से खिलवाड़


भोपाल। अभी कुछ रोज पहले खुलासा हुआ था कि भदभदा डेम के गेट इसलिए नहीं खोले गए थे क्योंकि बड़े तालाब में पानी ओवरफ्लो होने वाला था बल्कि इसलिए खोले गए थे क्योंकि चिरायु अस्पताल में पानी भरने वाला था। अब खुलासा हुआ है कि चिरायु अस्पताल के लिए सरकार ने बड़े तालाब की सीमाओं से भी खिलवाड़ किया है। पढ़िए नवदुनिया के पत्रकार हरेकृष्ण दुबोलिया की यह रिपोर्ट: 


16 मुनारे गायब हैं
बड़े तालाब के फुल टैंक लेबल की मुनारों का सत्यापन शुरू होने से पहले भैंसाखेड़ी स्थित चिरायु हॉस्पिटल के पास लगीं 1 से 18 नंबर तक की 16 मुनारें गायब हैं। चिरायु हॉस्पिटल की दीवार के पास दो मुनारें पानी में डूबी हुई हैं, जो सड़क से नजर आती हैं। इससे स्पष्ट है कि तालाब के डूब क्षेत्र को खत्म कर चिरायु हॉस्पिटल कैंपस में हो रहे निर्माण की हकीकत को छिपाया गया है। इंदौर रोड पर कैम्पियन स्कूल से लगभग 100 मीटर पहले सड़क के दूसरी ओर 19 नंबर की मुनार से आगे की सभी मुनारें मौजूद हैं।

नगर निगम के पास नहीं है कोई जवाब 
गौरतलब है कि भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट की समाप्ति के बाद वर्ष 2005 में भैंसाखेड़ी इलाके से ही मुनारें लगाने की शुरुआत हुई थी। 1 से 10 नंबर की मुनारें चिरायु मेडिकल कॉलेज से सटी हुई लगी थीं, लेकिन अब इन मुनारों का कोई नामोनिशान ही नहीं है। नवदुनिया टीम ने गुरुवार को तालाब के अंदर डूबी मुनारों का पता लगाने के लिए तालाब के किनारों का जायजा लिया, तो शुरुआत की 16 मुनारें गायब मिलीं। नवदुनिया ने जब इस संबंध में नगर निगम की ओर से झील प्रकोष्ठ प्रभारी की हैसियत से एनजीटी में जवाब देने वाले सिटी इंजीनियर संतोष गुप्ता से सवाल किया, तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से ही इनकार करते हुए कहा कि जब यह मुनारें लगाई गईं थीं, तब झील प्रकोष्ठ प्रभारी जीएस सलूजा थे।

वर्ष 2012-13 में लगवाई गईं थीं मुनारें
वर्ष 2012-13 में ग्रामीण क्षेत्रों में 1.2 मीटर ऊंची 943 मुनारें लगाई गई थीं। वहीं शहरी क्षेत्र में 7 सेंटीमीटर ऊंचाई वाली 300 मुनारें लगाई गईं थीं। बड़ी मुनारें भैंसाखेडी गांव से शुरू की थीं, तब यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल नहीं था।

चिरायु हॉस्पिटल में भर गया है पानी 
बड़े तालाब का जलस्तर गुरुवार को 1666.50 फीट पर था। इसी वक्त नवदुनिया टीम ने भैंसाखेड़ी, जामोनिया छीर, कोल्हू खेड़ी क्षेत्र में एफटीएल की मुनारों की पड़ताल की। आज की स्थिति में चिरायु हॉस्पिटल के आगे और पीछे दोनों ओर तालाब का पानी भरा हुआ है। कई स्थानों पर तो पानी चिरायु कैंपस के अंदर तक भरा हुआ है।

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कहां बना है चिरायु अस्पताल
आरोप है कि चिरायु अस्पताल भोपाल के बड़े तालाब की डूब वाली जमीन पर तान दिया गया है। अस्पताल के संचालकगण सीएम शिवराज सिंह के मित्र परिवारों में हैं, इसलिए नगरनिगम ने कभी कोई आपत्ति नहीं की। इस अस्पताल को करोड़ों की जमीन कोड़ियों के दाम दे दी गई। बदले में यहां गरीबों का सस्ता इलाज कराया जाना था। शुरूआत में ऐसा हुआ भी, लेकिन आजकल गरीब मरीजों को यहां से भगा दिए जाने की शिकायतें भी आ रहीं हैं। सवाल यह है कि तालाब के डूब क्षेत्र में निर्माण की मंजूरी कैसे दे दी गई और यदि दे भी दी गई है तो इस निर्माण को अब तोड़ दिया जाना चाहिए। 

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