मप्र में कलेक्टरगर्दी: विधानसभा प्रश्नों के जवाब नहीं भेजे

भोपाल। मप्र में कलेक्टरगर्दी शुरू हो गई है। अब तक शिकायतें आतीं थीं कि वो आम आदमी और नेताओं की नहीं सुनते। विधायकों और सांसदों के पत्रों का जवाब नहीं देते लेकिन अब खुलासा हुआ है कि मप्र के 35 कलेक्टरों ने विधानसभा में लगे प्रश्नों का जवाब ही नहीं दिया। राजस्व मंत्री खुद लाचार हैं। कांग्रेस ने इसे सरकार की संवेदनहीनता बताया है। 

कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने कहा कि आज 57 सवालों के जवाब में यह बताया गया है कि कलेक्टरों ने जानकारी नहीं दी है। इसमें से 36 तारांकित और 31 अतारांकित प्रश्न हैं। ऐसे में अब सरकार बताए कि विधायकों के सवालों की जानकारी कौन देगा? उन्होंने सरकार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगाए। विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि 13 साल से यही चल रहा है। दूसरी ओर मंत्री उमशंकर गुप्ता ने कहा राजस्व विभाग के प्रश्नों का जवाब समय पर नहीं देना कलेक्टरों को लापरवाही है। इस मामले में कलेक्टरों को बुलाएंगे और उन्हें समझाईश देंगे। साथ ही ऐसे कलेक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए भी सीएम को लिखेंगे।

रीवा कलेक्टर टॉप पर
रीवा जिले के डभौरा में पांच साल पहले अलग-अलग कम्पनियों द्वारा उद्योग लगाने के लिए किसानों की भूमि सस्ते दामों पर खरीदकर अधिग्रहण किया था। साथ ही किसानों को नौकरी देने का आश्वासन भी मिला था। आज तक यहां उद्योग नहीं लगे। सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो गई। अब किसान जमीन वापस मांग रहे हैं। यह जानकारी विधायक दिव्यराज सिंह ने मांगी थी। इसी तरह विधायक सुंदरलाल तिवारी ने मार्च 2016 में विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में बिल्डरों, ठेकेदारों को जमीन आवंटित किए जाने की जानकारी मांगी थी। इस बार भी जानकारी नहीं मिलने पर कलेक्टर को जिम्मेदार बताया गया है। एक अन्य मामले में रीवा हनुमना रोड पर खटखरी में फोरलेन रोड की जमीन में भूमि स्वामी का नाम अभिलेख में दर्ज किए जाने और मुआवजा दिए जाने के संबंध में विधायक सुखेंद्र सिंह ने जानकारी मांगी, लेकिन कलेक्टर ने जानकारी ही नहीं भेजी। विधानसभा में उत्तर के स्थान पर भी यही लिख दिया गया। 

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