
डब्ल्यूएचओ ने हेल्थ वर्कफोर्स इन इंडिया नाम की एक रिपोर्ट सार्वजनिक की है जिसमें साल 2001 में किए गए सर्वे का जिक्र है जिसके मुताबिक भारत में खुद को डॉक्टर कहने वाले लगभग 31 फीसद लोग सिर्फ दसवीं पास हैं और 57 फीसद लोगों के पास मेडिकल की कोई डिग्री नहीं है। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी खराब है। वहां सिर्फ 18.8 फीसद एलोपेथिक डॉक्टरों के पास ही मेडिकल की डिग्री है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक महिला स्वास्थ कर्मी पुरूषों के मुताबिक ज्यादा पढ़ी लिखी पाई गई हैं।
शोध में ये भी पाया गया है कि एलोपेथिक, आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी डॉक्टरों को मिलाकर राष्टीय स्तर पर हर एक लाख लोगों पर सिर्फ 80 डॉक्टर हैं।