RGPV: फेल स्टूडेंट पास निकला तो प्रोफेसर की खैर नहीं

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गिरते हुए मूल्यांकन को लेकर चौतरफा किरकिरी झेलने के बाद सख्ती पर उतर आया है। उसने मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय कर लिया है। यहां तक मूल्यांकन को लेकर करीब एक दर्जन बिंदुओं पर गाइडलाइन तक जारी कर दी है। इसमें परीक्षा नियंत्रक डॉ. मोहन सेन ने कहाकि प्रोफेसर त्रुटिहीन एवं सुस्पष्ट  मूल्यांकन करें, परीक्षार्थी द्वारा दिये गये उत्तर और डायग्राम पर कोई लाइन व चिन्ह नही बनाये, प्रत्येक गलत उत्तर पर सही स्थान पर काटने के पूर्व उसे गलत करने की टीप भी देना होगा। परीक्षा नियंत्रक सेन का कहना है कि किसी प्रोफेसर ने मूल्यांकन ने लापरवाही के साथ मूल्यांकन किया, तो उन्हें ब्लैक लिस्टेट कर दिया जाएगा। उन्हें भविष्य में मूल्यांकन करने का दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। वर्तमान में कुछ प्रोफेसरों को ब्लैक लिस्टेट कर दिया है।

जीरो नंबर पर रखना होगा विशेष ध्यान
डॉ. सेन का कहना है कि प्रोफेसर विद्यार्थी को सोच समझकर जीरो दें। जीरो मिलने के बाद विद्यार्थी रीवेल और चैलेंज करता है। इस दौरान विद्यार्थी के नंबर मिलते हैं और वह पास हो जाता है, तो प्रोफेसर को सख्त कार्रवाई से गुजरना होगा।

टोटल में मिस्टेक हुई तो कटेगा मानदेय
गाइडलाइन में कहाकि प्रोफेसर मूल्यांकन के दौरान जवाब खत्म होने के बाद अंक आवंटित करें। विद्यार्थियों को अंक देने के उसे गोला लगाकर चिंहित करें। ओएमआर शीट पर मूल्यांकनकर्ता के हस्ताक्षर पठनीय होना अनिवार्य है। उत्तर पुस्तिका के ऊपर ओएमआर सीट पर दिये अंकों एवं अन्दर दिये अंकों का जोड़ भी एक समान होना चाहिए और टोटलिंग में पायी गयी त्रुटि पर मूल्यांकनकर्ता के मानदेय से काटौती हो सकती है।

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मूल्यांकन में काफी गड़बड़ी सामने आई है। इसके चलते मूल्यांकन की गाइडलाइन तैयार की गई है। इसके तहत ही मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके बाद भी कोई प्रोफेसर मूल्यांकन में लपारवाही बरता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
डॉ. मोहन सेन
परीक्षा नियंत्रक आरजीपीवी

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