MBBS में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाली महिला दलाल को उम्रकैद

भोपाल। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर एक छात्र और उसके अभिभावक से 18 लाख रुपए की ठगी की आरोपी कोलार रोड निवासी कोमल पांडे उर्फ रूबी पांडे उर्फ शुभ्रा दत्ता को अदालत ने आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश गिरिबाला सिंह ने यह सजा सुनाई। एक अन्य आरोपी रवि चौहान को फरार घोषित किया गया। सहआरोपी राम सरोठिया उर्फ राम पटेल को दोषमुक्त कर दिया है।

अभियोजन के मुताबिक अपने बेटे अमनदीप के एडमिशन के लिए हरियाणा निवासी वेटनरी डॉक्टर अशोक कुमार 4 अगस्त 2012 को भोपाल आए थे। यहां उनसे कोमल ने संपर्क कर 18 लाख रुपए में सौदा तय किया। बतौर एडवांस उनसे 3 लाख 50 हजार रुपए ले लिए। बाकी की रकम 30 सितंबर को देना तय हुआ था। उस दिन कोमल ने अशोक कुमार से बकाया रकम ले ली और अमनदीप के नाम से कॉलेज का जाली एडमिशन लेटर दे दिया था।

जब अमनदीप एडमिशन लेटर लेकर पीपुल्स मेडिकल अस्पताल के डीन के पास पहुंचा तो पता चला कि लेटर फर्जी है। कॉलेज प्रबंधन और अमनदीप की शिकायत पर पुलिस ने कोमल को कॉलेज परिसर से ही गिरफ्तार किया था। कोमल के खिलाफ ठगी के आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इन दिनों कोमल सेंट्रल जेल भोपाल में है।

डॉक्टरों को भी कमीशन देती थी कोमल उर्फ रूबी उर्फ शुभ्रा
कोमल पांडे मेडिकल कॉलेज में सीट दिलाने के लिए डॉक्टरों को भी कमीशन देती थी। वह उन्हीं के जरिए लोगों को झांसा देकर लाखों रूपए ऎंठती थी। सीधी के मेडिकल स्टोर संचालक दयाशंकर गुप्ता से मिले साढ़े 17 लाख रूपए में से भी उसने दो डॉक्टरों को कमीशन दिया था। यह खुलासा उसने टीटी नगर पुलिस की पूछताछ में किया था। गुप्ता ने कोमल समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कोमल ने पुलिस को बताया था कि वह देशभर के यूनानी और होम्योपैथिक डॉक्टरों के संपर्क में रहती थी। उसके कहने पर ही लोग अपने बच्चों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने लाते थे। वह इस काम के लिए 10 से 15 फीसदी तक कमीशन देती थी।

कई लोगों को बनाया शिकार
कोमल और उसके साथी निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों की ऑनलाइन जानकारी लेकर संपर्क करते थे। वे डोनेशन के नाम पर लोगों से लाखों रुपए ठग लेते थे। उसके खिलाफ राजधानी के कई थानों में मामले दर्ज हैं।
28 लाख की ठगी का मामला भी

कोमल और उसके साथी ताहिर खान ने आंध्रप्रदेश निवासी आदित्य वर्मा को एडमिशन का आश्वासन देकर सीट बुक करने के लिए बतौर डोनेशन 28 लाख रुपए लिए थे। एडमिशन नहीं हुआ तो उसने रकम वापस मांगी थी। आदित्य ने निशातपुरा थाने में मामला दर्ज कराया था।

पूरा गिरोह काम करता था
कोमल के गिरोह में कई और लोग भी थे। उन्होंनेे विशाखापट्टनम के एक छात्र से 32 लाख रुपए ठगे। आरकेएम राजू ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने बेटे कल्याण के लिए कोमल से संपर्क किया था। 32 लाख में सौदा तय हुआ था। 8 मार्च 2012 को रकम दी थी।

कई जिलों की पुलिस को लंबे समय से थी तलाश
पुलिस की पूछताछ में कोमल के कई राज खोले थे। राजधानी के अलावा मुरैना, सतना, पिपरिया, जबलपुर सहित कई जिलों की पुलिस को कोमल की लंबे समय से तलाश थी। राजधानी के थाना कमला नगर, निशातपुरा और टीटी नगर पुलिस ने उसे अलग अलग मामलों में जेल से रिमांड पर लिया था।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!