
दो दशक पूर्व बेडमिंटन मैच के दौरान राजेन्द्र दादु और भाजपा नेता रामदास शिवहरे तथा प्रदीप जाधव की मुलाकात हुई। मैच के बाद दादु को श्री शिवहरे ने पुरुस्कृत किया। उनकी छवि से प्रभावित होकर राजेन्द्र दादु भाजपा में शामिल हुए और आज 28 वर्षों का अपना राजनैतिक सफर तय करते-करते विधायक के पद पर नेपानगर विधान सभा क्षेत्र की आदिवासी जनता की सेवा कर रहे हैं।
राजेन्द्र दादु ऐसे जनप्रतिनिधि है जो कमरे में बैठकर कागजी रिपोर्ट या कानों सुनी बातों पर विश्वास करके जनसेवा नहीं करते थे। मैदान के कार्य की प्रगति व परिणामों की पड़ताल करके ही वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचते है। उनका विश्वास था कि जनप्रनिधि की पहचान उसके द्वारा किए गए सार्वजनिक कामों से ही होती है। राजनीति में अप्तसर लोग स्वयं पद पाने के लिए दौड़ लगाते है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए साम, दाम, दंड, भेद जैसे कई रास्तों से गुजरने को भी तैयार रहते है लेकिन राजेन्द्र दादु वह शप्तस थे, जिसके पीछे पद दौड़ते थे।
इनका जन्म 1962 में हुआ। पिछड़े कहे जाने वाले आदिवासी कोरकु समाज में समाज में जन्म लेने के बाद भी इन्हें शिक्षित पृष्ठभूमि वाला परिवार मिला। इनके पिताश्री श्यामलाल दादु उस जमाने में आईएएस अधिकारी रहे हैं। बड़ी बहन भी मध्यप्रदेश शासन में उपसचिव (विप्ता) है। छोटे भाई डॉ. संजय दादु महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में फॉरिंसिक मेडीसीन में विभाग अध्यक्ष है, दूसरे छोटे भाई शरदकुमार दादु पीडब्ल्यूडी में एसडीओ के पद पर है।
1983 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इस दरमियान महाविद्यालय में हुए छात्र संघ के चुनाव में इन्हें इनकी लोकप्रियता के चलते सभी साथियों ने चुनाव न सिर्फ लड़वाया बल्कि प्रचंड मतों से भी विजय दिलवायी, जिसके बाद वह एक सफल छात्रसंघ अध्यक्ष साबित हुए। वर्ष 1983-84 से भाजपा के सक्रिय सदस्य रहते हुए ताप्ती विपणन संघ के सदस्य एवं बाद में अध्यक्ष पद को संभाला। 1994 से 1999 तक जनपद पंचायत खकनार के सदस्य एवं सभापति संचार एवं संकर्म समिति रहे। 1999-2004 तक जिला पंचायत खंडवा सदस्य एवं सभापति संचार एवं सकर्म समिति भी रहें। वर्ष 2004 से अक्टूबर 2008 तक वे खकनार जनपद के सदस्य रहे। इसके बाद
अपने क्षेत्र की जनता की सेवा को मद्देनजर रखते हुए श्री दादू ने विधानसभा चुनाव लडऩे का फैसला किया। जहां उन्हें अपार जनसमर्थन मिला और आज वे नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे।