
इससे पहले बताया गया था कि, भारत-पाक सीमा पर आतंकियों से मुठभेड़ में कृष्णपाल शहीद हो गए। उन्होंने दो साल पहले ही आर्मी ज्वाइन की थी। नागदा की गर्वनमेंट कॉलोनी में रहने वाले नरूला के परिवार को सेना के मेजर ने इसकी जानकारी दी। इसके बाद नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित रिश्ते-नातेदारों की नरूका के घर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए भीड़ उमड़ने लगी।
इस तरह मिली जानकारी
सेना के मेजर ने कृष्णपाल के पिता देवेंद्र सिंह को फोन लगाया और पूछा कि, आपके बेटे का किसी से विवाद हुआ था। पिता ने बताया कि, 'नहीं, उसका किसी से विवाद नहीं है।' यह सुनते ही मेजर ने फोन काट दिया और कुछ देर फिर कॉल किया। अबकी बार सेना की तरफ से कहा गया कि, देवेंद्र जी आपका बेटा आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गया है। यह सुनकर पिता अवाक रह गए और उनके मुंह से कुछ निकला। उन्होंने फिर मृतक के भाई लोकेंद्र को कॉल करके कहा कि, आपके भाई का शव लेकर नागदा आ रहे हैं। इसके बाद मंगलवार को कृष्णपाल का शव नागदा पहुंच गया। शहीद जवान के पिता देवेंद्र सिंह नरूका स्थानीय केमिकल फैक्ट्री में कार्यरत हैं। परिजनों ने बताया कि, आर्मी में शामिल होने के बाद देवेंद्र सिंह को पहली पोस्टिंग श्रीनगर में ही मिली थी।