 ग्वालियर। एक छात्र की समस्या को लेकर जीवाजी यूनिवर्सिटी में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर हंगामा करते हुए न केवल प्रशासनिक भवन के मुख्य दरवाजों बल्कि हर अधिकारी के कक्ष और सेक्शन में जाकर बाहर से कुंदी लगाकर अधिकारियों, कर्मचारियों को अंदर कैद कर दिया।
ग्वालियर। एक छात्र की समस्या को लेकर जीवाजी यूनिवर्सिटी में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर हंगामा करते हुए न केवल प्रशासनिक भवन के मुख्य दरवाजों बल्कि हर अधिकारी के कक्ष और सेक्शन में जाकर बाहर से कुंदी लगाकर अधिकारियों, कर्मचारियों को अंदर कैद कर दिया। 
समस्याएं लेकर पहुंचे छात्रों को भी बाहर कर दिया। भोजनावकाश के बाद अचानक हुए इस घटनाक्रम से अधिकारी, कर्मचारी सकते में आ गए। बाद में रजिस्ट्रार प्रो. आनन्द मिश्रा ने उनकी समस्याएं सुनी और निराकरण का भरोसा दिया तब मामला शांत हुआ। इससे पहले एनएसयूआई नेताओं ने जेयू के इंजीनियरिंग विभाग के निलंबित छात्रों की बहाली न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। दोनों संगठनों की घटनाओं के कारण शाम तक अफरा-तफरी रही।
अब पता चला फर्जी ढंग से मिली है ए ग्रेड
एबीवीपी के विभाग संगठन मंत्री अनिल बौहरे कार्यकर्ताओं के साथ परीक्षा नियंत्रक प्रो. अश्विनी कुमार श्रीवास्तव के पास पहुंचे। उनके साथ बीए तीसरे सेमेस्टर का छात्र नीरज शर्मा भी था। संगठन मंत्री बौहरे ने परीक्षा नियंत्रक से कहा कि नीरज के प्रैक्टिकल के अंक नहीं चढ़ाए हैं और पहले सेमेस्टर में एक विषय में अनुपस्थित दिखाया है। नीरज से कॉलेज से लिखवाकर भी दे दिया उसके बाद भी वह दो दिन से जेयू के चक्कर लगा रहा है। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि मामला दिखवा लेंगे। इस पर परिषद कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। उन्होंने कहा कि अकेला नीरज ही नहीं, सैकड़ों छात्र हर रोज इसी तरह की समस्याएं लेकर भटक रहे हैं। आपकी यूनिवर्सिटी को फर्जी ढंग से नैक से ए ग्रेड का तमगा मिला है।
पौने तीन बजे परिषद के एक दर्जन कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कुलपति कक्ष की ओर जाने लगे, लेकिन वहां चैनल गेट लगा था। उन्होंने उसे तोड़ने का प्रयास किया जिसे सुरक्षा गार्डों ने सफल नहीं होने दिया। कार्यकर्ता फिर गोपनीय विभाग में पहुंचे और वहां समस्याएं लेकर खड़े छात्रों को बाहर निकाल दिया। नीचे आकर कार्यकर्ताओं ने दोनों प्रशासनिक भवन के दोनों प्रवेश गेटों पर ताला लगा दिया। स्टूडेंट हेल्प सेंटर, नामांकन शाखा की खिड़कियां बंद कर दीं। रेक्टर प्रो. आरजे राव उनके बीच पहुंचे तो छात्रों ने खरी-खोटी सुना दी जिससे वे अपने कक्ष में आकर बैठ गए। कार्यकर्ता फिर ऊपर पहुंच गए और रेक्टर, रजिस्ट्रार प्रो. आनन्द मिश्रा, डिप्टी रजिस्ट्रार अरुण सिंह चौहान, डीसीडीसी सहित अन्य अधिकारियों के कक्षों की बाहर से कुंदी लगा दी। 
घटना के समय कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला अपने कक्ष में थीं। इसलिए हंगामे की खबर लगते ही उन्होंने तुरंत रजिस्ट्रार को बुला लिया। रजिस्ट्रार ने सभी कुंदियां खुलवाई और कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर समस्याएं सुनीं। संगठन के अनिल बौहरे, अंकित राय, नीतराज शर्मा, शफीक अहमद ने कहा कि किसी छात्र की मार्कशीट नहीं बन रही तो किसी के रिजल्ट में गड़बड़ है। रजिस्ट्रार ने कुछ छात्रों की समस्याएं सुनीं और निराकरण कराया। परिषद कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि समस्याओं के निराकरण के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
NSUI नेताओं को फटकार कर भगाया 
बिना अनुमति धरना देने के आरोप में निलंबित किए गए जेयू इंजीनियरिंग विभाग के 14 छात्रों की बहाली को लेकर पहुंचे एनएसयूआई नेताओं को कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने जमकर फटकार लगाई। संगठन के आर्यन शर्मा ने कहा कि छात्रों को वेबजह निलंबित किया है। उन्हें बहाल किया जाए। कुलपति, रजिस्ट्रार की उनसे चर्चा हो रही थी कि इसी बीच शत्रुघन शर्मा नामक कार्यकर्ता ने कुलपति से पूछा कि छात्रों को निलंबित क्यों किया है। कुलपति चूंकि सारी बात पहले बता चुकी थीं, इसलिए उन्होंने शत्रुघ्न को फटकारते हुए कहा कि जब तुम्हें पता नहीं है तो फिर बीच में क्यों बोल रहे हो। तुम नेता हो तो पूरी जानकारी लेकर यहां आया करो। कुलपति की फटकार से वहां पहुंचे निलंबित छात्र भी सकते में आ गए। बाद में कुलपति ने आर्यन से कहा कि उन्होंने निलंबित छात्रों को 20 जून को परिजनों के साथ आने को कहा है। इसलिए जब तक वे नहीं आएंगे, निलंबन रद्द नहीं होगा। बाद में 5 परिजनों को लाने पर सहमति बन गई।