भोपाल। नगर निगम भोपाल के एक जोनल अधिकारी पर नगरनिगम में काम करने वाली एक दैनिक वेतन भोगी महिला कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिला ने यह आरोप तब लगाया जब उसे नौकरी से निकाल दिया गया, जबकि आरोपी अधिकारी का कहना है कि उन्होंने उसके बेटे को नौकरी पर रखा था, उसे नहीं। सही क्या है गलत क्या यह तो वक्त के साथ ही पता चलेगा परंतु नगरनिगम में चर्चा है कि बुढ़ापे की इश्कबाजी में फंस गए हैं साहब।
महिला ने जोन क्रमांक 03 के प्रभारी जोनल अधिकारी ओपी द्विवेदी पर दैहिक शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। गौतम नगर निवासी 40 वर्षीय महिला जानकी देवी (परिवर्तित नाम) का कहना है कि द्विवेदी ने उसे निगम में दैवेभो के रूप में नौकरी दिलवाई। इसके बाद शादी करने का झांसा देकर सात वर्षों तक उसका दैहिक शोषण किया। पीड़ित महिला ने इसकी शिकायत कलेक्टर, निगमायुक्त, पुलिस अधीक्षक, हरिजन थाना, महिला थाना और ऐशबाग थाने में की है।
ऐसे उठाया मजबूरी का फायदा
पीड़ित महिला ने बताया कि मेरे पति का लगभग 15 वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। मेरे तीन बेटे और एक बेटी हैं। अपने बच्चों के लालन-पालन के लिए फल-सब्जी बेचती थी। इसी दौरान उनके घर पर मेरी बहन काम करती थी। मेरी बहन ने ओपी द्विवेदी के ऑफिस में काम करने के लिए रखवाया था, तब वे वकालत करते थे। इसके बाद द्विवेदी की नगर निगम में नौकरी लग गई। उन्होंने मुझे भी दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्त कर दिया। नजदीकियां बढ़ने के साथ-साथ उनकी मेहरबानी भी बढ़ती गई।
मैं निगम में रहते हुए काम उनके घर का करती थी। उन्होंने मंदिर में मुझसे शादी की और पत्नी बनाकर घर में रख लिया। कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन इसके बाद उन्होंने मुझसे दूरी बनाना शुरू कर दिया। पहले उन्होंने मेरी मजबूरी का फायदा उठाया, जब काम निकल गया तो मुझे नगर निगम की नौकरी से भी हटवा दिया। मैं बेसहारा अपने बच्चों को लेकर कहां जाऊं? शिकायत करने पर मुझे अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।
मुझ पर लगाए आरोप निराधार हैं
इसके जवाब में द्विवेदी ने कहा कि मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं, उसे और उसके बेटे को दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी पर लगवाया था। उससे निगम का ही काम करवाया जाता था, कभी-कभी वह मेरे घर पर भी आती थी। जो आरोप मुझ पर लगा रही है, वह पूरी तरह से गलत और निराधार हैं। प्रोटेक्शन के लिए वह मुझे मजबूर कर रही है। गुजारा भत्ता तो मैं उसे नहीं दूंगा चाहे कुछ भी हो जाए। मेरी जानकारी में हैं। उसने मेरी शिकायत पुलिस और आयुक्त महोदय से लिखित में की है। इससे कुछ नहीं होने वाला। ज्यादा से ज्यादा सस्पेंड कर दिया जाऊंगा।
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