मध्यप्रदेश नागर ब्राह्मण परिषद, भोपाल ने मध्यप्रदेश की शासकीय सेवाओं में लागू पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार देते हुये निरस्त करने का स्वागत किया है। संगठन के अध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार मेहता ने इसे एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी फैसला बताते हुये कहा कि इस फैसले से राजनीतिक पार्टियों द्वारा स्वार्थवश की गई भेदभाव को बढ़ावा देने वाली एक बड़ी गलती दुरूस्त हो गई है।
श्री मेहता ने कहा कि ब्राह्मणों का समाज के निर्माण में कम योगदान नही है, ऐसे में उनके साथ सरकारी नौकरियों और पदोन्नति में किया जाने वाला भेदभावपूर्ण रवैया बर्दाश्त नही किया जा सकता। उच्च न्यायालय के इस निर्णय के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की बजाय सरकार को यह निर्णय सिर झुकाकर स्वीकार करना चाहिये। यदि सरकार इस निर्णय को तत्काल लागू नही करके इसके विरूद्ध अपील करती है तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि प्रदेश की भाजपा सरकार भी वोट बैंक की राजनीति कर रही है, वह ब्राह्मण और सवर्णों के विरूद्ध है एवं उसे आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
प्रमोद कुमार मेहता
अध्यक्ष
मध्यप्रदेश नागर ब्राह्मण परिषद
भोपाल