
सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि जवान की मौत सामान्य अभ्यास के दौरान उत्तर पूर्व में हुई है। यह कोई विद्रोह नहीं है। जवान ने मार्च के दौरान सीने में दर्द की शिकायत की फिर उसका मेडिकल चेक अप हुआ और वह फिट पाया गया। बाद में मार्च के दौरान जवान गिर गया और उसे अस्पताल ले जाने के दौरान ही उसकी मौत हो गई। हादसे ने कुछ जवानों को भावुक कर दिया और वह तैश में आ गए जिसकी वजह से उनकी अफसरों से झड़प हुई। हालांकि झगड़े में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है।
सेना के अफसरों का इस तरह का विरोध एकाध बार पहले भी प्रकाश में आया है। यह कोई सुरक्षा या गोपनीयता से जुड़ा विषय नहीं है बल्कि एक कर्मचारी की प्रताड़ना का विषय है। मामले को इसी दृष्टि से देखा जाना चाहिए।