
जबलपुर हाईकोर्ट ने मप्र के प्रमोशन में आरक्षण नियम 2002 को निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार के पक्ष को अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और हाईकोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा। पिछले दिनों प्रमोशन में आरक्षण रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले से 60 हजार कर्मचारी प्रभावित हो रहे थे।
दो नामी वकील करेंगे कर्मचारी संगठनों की पैरवी
इस मसले पर अधिकारी व कर्मचारी की लामबंदी भी शुरू हो गई है। आरक्षण को चुनौती देने वाले इन अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से दो नामी वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम और राजीव धवन ने पैरवी की। धवन इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में कुछ मामलों में प्रमोशन में आरक्षण के केस लड़ चुके हैं।