
उसकी अचीवमेंट पर गांव में जश्न का माहौल है। बता दने कि इससे एक दिन पहले छात्रा ने मैसेज देकर सभी को उत्साहित किया था। यह कारनामा करने वाली दुर्गा लोधी ने 600 में से 395 मार्क्स हासिल किए हैं। जबकि साइंस में उसे डिस्टिंक्शन मिला है। दुर्गा ने एक दिन पहले ही कहा था, "परीक्षा में फेल हो जाउं या पास, पर पढ़ने का जुनून हमेशा कायम रखूंगी।" आम बच्चे अपने हाथों से पेपर हल कर परीक्षा में पास नहीं हो पाते हैं, ऐसे में दुर्गा की अचीवमेंट किसी मिसाल से कम नहीं है।
बचपन से नहीं थे हाथ
दुर्गा के बचपन से ही दोनों हाथ नहीं है। वह सभी काम अपने पैरों से करती है। उसने पहली से 10 वीं तक पैरों से ही लिखाई की है एवं परीक्षा के पेपर भी अपने पैरों से हल किए थे। कभी भी किसी दूसरे लिखने वाले से हेल्प नहीं ली।