विदिशा। वाट्स एप पर रिश्ता तय, उसी पर रिश्तेदारों को आमंत्रण भी। दहेज तो दूर की बात सादगी भी ऐसी कि न बैंड बजे, न धूमधाम और न समारोह। रस्में भी परमात्मा की प्रार्थना कर दूल्हा-दुल्हन को रक्षा सूत्र बांधकर पूरी कीं गईं।
इस तरह का पहला विवाह रविवार को विदिशा की नेमा धर्मशाला में 22 मिनट में पूरा हो गया। कबीर पंथ को मानने वाले विदिशा के वैभवदास सोनी (27) ने बदरवास जिला शिवपुरी की रहने वाली भगतमति नीतू (23) के साथ अनूठे अंदाज में विवाह किया है। विवाह से पूर्व जहां परमात्मा से अनुमति के लिए प्रार्थना की गई, वहीं प्रार्थना के बाद दूल्हा व दुल्हन को रक्षा सूत्र बांधे गए। इसके बाद दूल्हा-दुल्हन के साथ हॉल में मौजूद सभी लोग हाथ जोड़कर एक सुर में रमेणी (गुरुवाणी) के दौरान चौपाइयां दोहराते हुए नजर आए। रमेणी के साथ ही यह विवाह संपन्न हो गया। शादी में दोनों पक्षों के तमाम रिश्तेदार तो शामिल हुए ही, वहीं कबीर पंथ को मानने वाले कई भक्त दूर-दूर से आए हुए थे। सभी संत रामपाल महाराज के अनुयायी हैं।
सादगी से मिली आत्मीय खुशी
पेशे से सोने-चांदी के कारीगर वैभवदास ने बताया कि मौजूदा समय में शादियों में दहेज का चलन बढ़ रहा है। इस बुराई को दूर करना चाहिए। गुरुदेव के बताए मार्ग के तहत व्यर्थ के आडंबर से दूर रहकर सादगीपूर्ण विवाह रचाने में उन्हें आत्मीय खुशी मिली है। उन्होंने बताया कि उनका यह रिश्ता वाट्स एप के माध्यम से जुड़ा है। घर की जिम्मेदारी मेरी ऊपर है। मुझसे छोटे दो भाई है। माता-पिता का देहांत हो चुका है।