मर्डर, रेप और लूट: सबसे ज्यादा इंदौर में

अमित देशमुख/भोपाल। मध्यप्रदेश में अपराध का ग्राफ यदि किसी शहर के कारण बढ़ रहा है तो वह सिर्फ इंदौर है। यह खुलासा हुआ है मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा जारी वर्ष 2015 में हुए अपराध के आकड़ों से। पिछले साल प्रदेश में कुल 2 लाख 70 हजार 300 अपराध दर्ज किए गए।

इसमें से 23 हजार 465 अपराध अकेले इंदौर में हुए है। यही नहीं, संगीन अपराधों में भी इंदौर टॉप पर है। पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म, अपहरण व महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे 13 प्रकरणों की जिलेवार सूची तैयारी की थी। इनमें से इंदौर सात मामलों में आगे है। गंभीर अपराधों के मामले में राजधानी किसी भी अन्य शहर के मुकाबले में अभी तक शांत है।

डकैती, दंगा भिंड-मुरैना में ज्यादा, जबलपुर में बच्चे असुरक्षित
प्रदेश के जिन जिलों में सर्वाधिक अपराध दर्ज हुए हैं उसमें डकैती के मामले भिंड में सबसे ज्यादा (145 में से 22) हैं। वहीं दंगों के कुल 2205 मामलों में भी भिंड और मुरैना में (123-123) दोनों ही बराबरी पर है। दहेज को लेकर हत्याएं पिछले साल सबसे ज्यादा मुरैना में दर्ज की गई। प्रदेश में जहां वर्ष 2015 में दहेज हत्या के कुल 664 मामले सामने आए, इनमें से 37 मुरैना के हैं जो सर्वाधिक है।

इधर डकैती की तैयारी करते हुए धराए गए लोग ग्वालियर में ज्यादा पकड़ाए। इस तरह के 217 मामले पिछले साल दर्ज हुए, जिसमें ग्वालियर 61 मामलों के साथ टॉप पर है। यहीं नहीं, योजनाबद्ध हत्या के मामले में भी 13 मामलों के साथ ग्वालियर ही आगे है। वैसे इस तरह के प्रदेशभर में 132 मामले सामने आए हैं। उधर, बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध सबसे ज्यादा जबलपुर में दर्ज किए गए। प्रदेशभर में इनकी संख्या 12 हजार 715 थी, इनमें अकेले जबलपुर में 874 प्रकरण दर्ज किए गए।

इन अपराधों में अव्वल इंदौर
हत्या व हत्या के प्रयास : वर्ष 2015 में प्रदेशभर में हत्या के 2339 मामले दर्ज किए गए। इसमें इंदौर 99 हत्याओं के साथ सबसे ऊपर है। यही हाल हत्या के प्रयास में भी है प्रदेशभर में 2507 मामले हुए तो इंदौर जिले में 251 मामले हत्या के प्रयास के लिए दर्ज किए।

दुष्कर्म व अपहरण : दुष्कर्म व अपहरण के मामले भी सर्वाधिक इंदौर जिले में दर्ज हुए। प्रदेश भर में जहां इनकी संख्या 5071 है तो अकेले इंदौर में 257 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। अपहरण के भी 6792 मामलों में 547 मामले इंदौर जिले के सामने आए। दोनों ही आकड़े यह बताते हैं कि प्रदेश में इंदौर जिले में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित है।

लूट व आगजनी : लूट के वर्ष 2015 में प्रदेशभर में 1836 प्रकरण दर्ज किए। इनमें भी सबसे ज्यादा प्रकरण 291 इंदौर जिले के ही थे। जरा-जरा सी बात पर आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम देने के मामले में भी 71 मामलों के साथ टॉप पर इंदौर जिला है। आगजनी के प्रदेशभर में कुल 834 प्रकरण दर्ज किए गए थे।

महिलाओं के विरुद्ध अपराध : 
इस मामले में भी इंदौर जिला टॉप पर है। प्रदेशभर में जहां 25 हजार 731 मामले दर्ज हुए है तो इनमें 1455 इंदौर जिले के है। वहीं पुलिस हिरासत में मौत के वर्ष 2015 में जहां सात मामले हुए, उसमें एक मौत इंदौर पुलिस की हिरासत में हुई। हालांकि इस मामले में शिवपुरी और खंडवा आगे है, जहां दो-दो मौतें हुई हैं।

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