भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्रियों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने में परहेज है। विधानसभा के 23 दिन के बजट सत्र में किसी भी मंत्री ने संपत्ति की जानकारी पटल पर नहीं रखी। चुनावी साल 2013 में सभी मंत्रियों ने संपत्ति का ब्योरा विधानसभा में दिया था, लेकिन नई सरकार आने के बाद मंत्री इस जिम्मेदारी को भूल गए। पिछले साल के बजट सत्र में भी केवल वित्त मंत्री जयंत मलैया ने अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा के पटल पर रखी थी।
लोक सेवकों की संपत्ति सार्वजनिक करने की पहल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। फरवरी 2010 में कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में फैसला लिया गया था कि मंत्री भी अपनी संपत्ति की जानकारी विधानसभा के पटल पर रखेंगे। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने की थी। हालांकि उन्होंने भी पिछले दो साल से संपत्ति की जानकारी विधानसभा के पटल पर नहीं रखी है। वर्ष 2011, 2012 और 2013 में मुख्यमंत्री सहित सारे मंत्रियों ने ब्योरा रखा था। इसके बाद नई सरकार का गठन हुआ। तब से वित्त मंत्री को छोड़कर किसी ने भी जानकारी विधानसभा में नहीं रखी।
मंत्रियों की इच्छा पर निर्भर, कोई नियम नहीं है
हर साल संपत्ति का ब्यौरा विधानसभा में दिया जाए, ऐसा कोई नियम नहीं है। मंत्रियों की इच्छा पर निर्भर है कि उन्हें अपनी संपत्ति एक साल में सार्वजनिक करना है या फिर पांच साल में।
नरोत्तम मिश्रा, प्रवक्ता