डांस करके पैसा कमाना महिलाओं का संवैधानिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में DANCE BAR मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को SUPREME COURT ने MAHARSHTRA GOVERNMENT को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार में डांस करना भीख मांगने से अच्छा है।

मालूम हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश के बावजूद बार के लिए LICENSE नहीं दिए जाने पर पिछली सुनवाई में मुंबई के डीसीपी को पेश होने के आदेश दिए थे साथ ही सरकार को भी एक सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा था।

मंगलवार को इस पर हुई सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस नियम को लेकर खिंचाई की जिसमें कहा गया है कि डांस बार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 1 किमी के दायरे में ना खुलें। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह एक तरह से बार खोलने पर प्रतिबंध की तरह है। इस पर सरकार ने कहा कि वो इसकी समीक्षा करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि राज्य सरकार डांस बार में खुलने से ना रोके बल्कि अश्लीलता रोकन के लिए नियम बनाए। बार में डांस करना भीख मांगने से अच्छा है। कोर्ट ने कहा कि डांस एक प्राफेशन है अगर यह अश्लील है तो यह अपनी कानूनी पवित्रता खोता है, सरकार के नियंत्रक उपाय निषेधात्मक नहीं हो सकते।

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की बेंच ने कहा कि डांस करके पैसा कमाना महिलाओं का संवैधानिक आधार है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देते हुए कि डांस बार के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कर एक हफ्ते में बार के लाइसेंस दें।
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