नई दिल्ली। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक, शराब कारोबारी और राज्यसभा सांसद विजय विट्ठल माल्या 2 मार्च को ही देश से भाग चुके हैं। वे लंदन में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि माल्या को इंडियन एम्बेसी के जरिए नोटिस भेजा जाए लेकिन माना जा रहा है कि बिना सटीक पोस्टल एड्रेस के यूके में माल्या का घर खोजना मुश्किल है।
बता दें कि माल्या पर 17 बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपए कर्ज है। माल्या के विदेश जाने का खुलासा बुधवार को अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में किया। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी था। अब सवाल यह है कि माल्या भागे हैं या भगाए गए? शक इसलिए गहराता है क्योंकि एक दिन पहले सरकार के वकील माल्या को भागने से रोकने की गुहार लगा रहे थे। एक दिन बाद वही बताते हैं कि माल्या तो 2 मार्च को ही भाग गए हैं।
सरकार दिखावा कर रही है?
वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सरकार अब भी चाहे तो माल्या को वापस ला सकती है। उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कल सुप्रीम कोर्ट से कहा कि माल्या को देश छोड़ने से रोका जाए, आज वही पूछने पर कोर्ट से कह रहे थे- 'वह तो देश से भाग चुका है।' तो सरकार ने उसे रोका क्यों नहीं?
सीबीआई ने भगाया
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस में बदलाव किया था। पहले नोटिस में माल्या को देश बाहर जाने के दौरान हिरासत में लेने की बात थी जबकि बाद में उनकी यात्रा के बारे में जानकारी देने तक सीमित कर दिया गया। इस मामले पर सीबीआई के प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो हम इसकी जांच करेंगे।
सीबीआई ने भगाया
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस में बदलाव किया था। पहले नोटिस में माल्या को देश बाहर जाने के दौरान हिरासत में लेने की बात थी जबकि बाद में उनकी यात्रा के बारे में जानकारी देने तक सीमित कर दिया गया। इस मामले पर सीबीआई के प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो हम इसकी जांच करेंगे।