
यदि यह बात सच है, तो कन्हैया कुमार की रिहाई और कैंपस में देश विरोधी नारों पर चर्चा के बाद वहां तनाव फिर से फैल सकता है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स ने आठ मार्च को जेएनयू के वीसी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक नोटिस भेजा है।
इसमें कहा गया है कि वे पांच दिनों के अंदर इस मामले की रिपोर्ट दें। NCSC के चेयरमैन पीएल पुनिया ने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। पुलिस अपनी जांच के बारे में हमें जानकारी देगी।
यह पूछे जाने पर कि जेएनयू में कितने शिक्षक और छात्र देश विरोधी हैं। इस पर प्रोफेसर ने कहा कि देश विरोधी शिक्षक तो करीब 10 हैं, लेकिन वह ऐसा दिखावा कर रहे हैं, मानों सभी शिक्षक उनके साथ हों। वे दलित और मुस्लिम शिक्षक हैं और उनकी अपनी शिकायतें हैं।
प्रोफेसर ने कहा कि फैकल्टी मेंबर जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों के बारे में बात करते हैं। वे स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य छात्र उमर खालिद की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करते हैं।